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Showing posts from July, 2020

संस्कृत विभाग द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार*

*संस्कृत  विभाग द्वारा  एक दिवसीय  राष्ट्रीय वेबिनार* चित्रकूट ,   31 जुलाई 2020। जगद्गुरु  रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट के संस्कृत एवं प्राच्य भाषा विभाग द्वारा "अर्वाचीनसंस्कृतकाव्येषुराष्ट्रीयावधरणा" विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार के आयोजन मे  सरस्वती वंदना कु0  आधा मिश्रा ने प्रस्तुत किया । कार्यक्रम के  मुख्य अतिथि  के रूप में प्रोफेसर कामता प्रसाद त्रिपाठी, पूर्व प्रोफेसर .संस्कृत, संगीत विश्वविद्यालय , खैरागढ़ (छत्तीसगढ़) तथा डा0 शिवमूर्ति त्रिपाठी, पूर्व प्राचार्य, हेमवतीनंदन बहगुणा महविद्यालय, लालगंज, प्रतापगढ़ ने इस राष्ट्रीय वेबिनार में प्रतिभाग किया। वेबिनार का शुभारंभ विश्वविद्यालय के जीवन पर्यन्त कुलाधिपति पद्म विभूषण पूज्य जगद्गुरु श्री  रामभद्राचार्य जी के व्याख्यान एवं आशीर्वचन से हुआ।.पूज्य जगद्गुरु ने अपने उद्बोधन में राम सापेक्ष राष्ट्रवाद को राष्ट्रीय अवधारणा का केन्द्र बिन्दु बताया एवं जीवन पर्यन्त दिव्यांगजनोद्धार हेतु कार्य करते रहने का सुनिश्चय दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत में अनेक कांति कारियों ने जन्म लिया है लेकिन आजाद चंद्र शे

अंग्रेजी विभाग द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार सम्पन्न

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अंग्रेजी विभाग द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार सम्पन्न चित्रकूट ,  29 जुलाई 2020। जगद्गुरु  रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट के अंग्रेज़ी एवं माडर्न यूरोपियन लैन्ग्वेजेज विभाग द्वारा "नेशनल कान्सेप्ट इन माडर्न इण्डियन पोइट्री इन इंग्लिश" विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। रिसोर्स परसन्स के रूप में प्रोफेसर सुशील कुमार शर्मा, प्रोफेसर इन इंग्लिश, यूनिवर्सिटी आफ इलाहाबाद तथा प्रोफेसर शुभा तिवारी, प्रोफेसर इन इंग्लिश, ए.पी.एस.यूनिवर्सिटी, रीवा ने इस राष्ट्रीय वेबिनार में प्रतिभाग किया। कुल 21भारतीय प्रान्तों के134 प्रतिभागियों ने इस वेबिनार में पंजीयन कराया जिसमें 53प्रतिशत महिलाएँ थी। वेबिनार का संचालन जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय, चित्रकूट के अंग्रेजी एवं माडर्न यूरोपियन लैन्ग्वेजेज विभाग के प्रभारी व वेबिनार के संयोजक डा. शशि कान्त त्रिपाठी द्वारा किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश चन्द्र दुबे जी द्वारा इनाग्रल एड्रेस में विश्वविद्यालय के जीवन पर्यन्त कुलाधिपति पद्म विभूषण जगद्गुरु स्वामी रामभद्राच

बालकालीन साधु थे संत तुलसीदास जी -- जगदगुरु रामभद्राचार्य

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    गोस्वामी  तुलसीदास जयंती समारोह  बालकालीन  साधु थे संत तुलसीदास जी --          जगदगुरु  रामभद्राचार्य चित्रकूट,  27 जुलाई 2020 ।   कलिपावनावतार संत गोस्वामी  तुलसीदास जी की जन्म जयंती पर  आयोजित  श्रीराम कथा में  कथा बयास पद्म विभूषण जगदगुरु श्री रामभद्राचार्य  जी  ने  कहा  कि आज  जन्म जयंती के अवसर पर कुछ  आवश्यक चर्चा करूंगा जो कुछ  विदत जन  अनभिज्ञ हैं। तुलसीदास जी ने अभजित मुहूर्त में जन्म लिया था यह बात गलत है। इस बात का ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है। संवत 1580 ईसवी मे ऐसा हुआ था कोई साहित्यिक  प्रमाण उपलब्ध नहीं है। दुसरा जन्म लेने के बाद गोस्वामी जी की माता-  पिताजी की मृत्यु हो गई थी।  यह घटना सत्य है  इनका पालन-  पोषण पार्वती जी ने किया था। तीसरी घटना में कहा जाता हैं कि गोस्वामी जी का विवाह रत्नावली से हुआ था यह बात सिद्ध नहीं है  । तुलसीदास जी  बालकालीन साधु थे। बालकालीन साधु संतों का अपना अलग महत्व होता है। भारत के लिए गोस्वामी जी ने महाकाव्य श्री राम चरित मानस जैसे अद्भुत ग्रंथ जन मानस को दिया। आज मैं तुलसीपीठ में समायोजित  43 वी तुलसी जयंती के अवसर प

जगदगुरु रामभद्राचार्य दिब्यांग विश्वविद्यालय का 20 वां स्थापना दिवस समारोह।

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जगदगुरु  रामभद्राचार्य  दिब्यांग  विश्वविद्यालय का 20 वां स्थापना दिवस समारोह।  चित्रकूट 26 जुलाई 2020।  कोविड -  19  भारत  सरकार के दिशा- निर्देश के अनुपालन मे मास्क , सैनेटाइजर  ,शारीरीक दुरी का उपयोग करते हुए जगदगुरु  रामभद्राचार्य दिब्यांग विश्वविद्यालय का 20 वां स्थापना दिवस समारोह मे  आजीवन कुलाधिपति जगदगुरु रामभद्राचार्य जी व कुलपति प्रो0 योगेश चंद दुबे  , निजी सचिव  आजीवन कुलाधिपति जी आचार्य रामचंद्र दास जी , कुलसचिव डा0 महेंद्र कुमार उपाध्याय ने  मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित किया । कार्यक्रम के शुभारंभ मे    सरस्वती वंदना डा0 जयोति विश्वकर्मा  व विशेष नारायण मिश्रा ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आजीवन कुलाधिपति पद्म विभूषण जगदगुरु रामभद्राचार्य जी ने सभी शिक्षकों ,कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि  आज इस विश्वास के साथ में आप सभी शिक्षक ,कर्मचारी को  अपने कर्तव्य  का पालन निष्ठा से करना होगा। तुम मुझे निष्ठा दो  , मैं तुम्हें प्रतिष्ठा दुगा । यह सूत्र अपने जीवन में हमेशा याद रखें।आज साकेत वासिनी मेरी ( बडी बहन )पूजनीय बुआजी इस भौतिक संसार में

प्रत्येक शिक्षक ई व्याख्यान तैयार करें - कुलपति प्रो गौतम

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प्रत्येक शिक्षक ई व्याख्यान तैयार करें - कुलपति प्रो गौतम चित्रकूट 22 जुलाई 2020। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में आयोजित वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में कुलपति प्रो नरेश चंद्र गौतम  ने अधिष्ठाता और विभागाध्यक्ष को निर्देशित किया है कि विश्वव्यापी कोरोना संक्रमण से उत्पन्न स्थितियों के मद्देनजर  विश्वविद्यालय में  अध्ययनरत विद्यार्थियों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए  समस्त शिक्षकगणों को  " ई -माध्यम" से शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन के लिए पहल हेतु प्रेरित करें। प्रो गौतम ने कहा कि  पाठ्यक्रमवार सिलेबस के अनुसार  प्रत्येक शिक्षक द्वारा ई लेक्चर  प्रथक - प्रथक तैयार किया जाए।साथ ही प्रत्येक सकांय द्वारा एक वेवीनार प्रति सप्ताह का आयोजन सुनिश्चित किया जाय। ई  रिकार्डिंग की सुविधा सी.एम.सी.एल.डी.पी के निदेशक  द्वारा प्रदान की जायेगी । विद्यार्थियों के लिए उपयोगी  इस ई कार्यक्रम की संपूर्ण रूपरेखा प्रत्येक सकांय अध्यक्ष विलंबतम 25 जुलाई 2020 तक उपकुलसचिव शैक्षणिक को प्रस्तुत करें, यह निर्देश कुलपति प्रो गौतम ने दिया है। इस बैठक में   कुलसचिव डॉ अजय कुम

ग्रामोदय विश्वविद्यालय में क्यु.आई.ए.सी की बैठक संपन्न

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ग्रामोदय विश्वविद्यालय में क्यु.आई.ए.सी की बैठक संपन्न चित्रकूट 23 जुलाई 2020। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में प्लानिंग एवं इवैल्यूएशन बोर्ड तथा इंटरनल क्वालिटी एसेसमेंट सेल की बैठक रजत भवन में संपन्न हुई। बैठक में विश्वविद्यालय के प्लानिंग एवं इवैल्यूएशन बोर्ड के सदस्य प्रोफ़ेसर नागेश्वर राव कुलपति इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय इग्नू नई दिल्ली शामिल रहे। अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर नरेश चंद्र गौतम ने की अन्य एक्सपर्ट सदस्यों के रूप में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ, श्री आर कनेहरे रहे। कुलपति के तकनीकी अधिकारी एवं आइक्यूएसी के संयोजक प्रोफेसर डीपी राय ने विभिन्न प्रकरणों को प्रस्तुत करते हुए तथ्यात्मक जानकारी दी।इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर गौतम ने विश्वविद्यालय के कार्यशैली और विकास चक्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय देश का पहला और संपूर्ण ग्रामीण विश्वविद्यालय है। भारत रत्न राष्ट्र ऋषि नानाजी ने इस विश्वविद्यालय की संकल्पना शिक्षा के माध्यम से गांव के विकास को लेकर की थी। ग्रामोदय विश्

राज्यपाल श्री लालजी टंडन के आकस्मिक निधन पर ग्रामोदय विश्वविद्यालय में शोक सभा हुई

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राज्यपाल श्री लालजी टंडन के आकस्मिक निधन पर ग्रामोदय विश्वविद्यालय में शोक सभा हुई ग्रामोदय के कुलपति प्रो गौतम ने शोक संदेश भेजा चित्रकूट,21 जुलाई 2020। मध्यप्रदेश के महामहिम  राज्यपाल तथा  कुलाधिपति श्री लालजी टंडन के  देहावसान को लेकर  महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय परिसर में आज सामूहिक शोक सभा का आयोजन किया गया।कुलपति प्रो नरेश चंद्र गौतम ने अपने शोक संदेश में कहा कि ग्रामोदय विश्वविद्यालय अपने महामहिम राज्यपाल और कुलाधिपति जी के देहावसान से काफ़ी दुखी है और  समस्त विश्वविद्यालय परिवार  उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है।शोक संदेश में कुलपति प्रो गौतम ने ईश्वर से प्रार्थना करते हुए लिखा है कि ईश्वर दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें एवं उनके परिजनों को इस आघात को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। आज ग्रामोदय विश्वविद्यालय के सी एम सी एल डी पी सभागार में विश्वविद्यालय के   समस्त शिक्षको, अधिकारियों और कर्मचारियों ने सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ शोक सभा मे अपनी अपनी सहभागिता की।शोक सभा में सहभागी सभी को मास्क पहनकर आने की अनिवार्यता थी।सभा

तुलसीपीठ , मानस मंदिर चित्रकूट में संस्कार चैनल के माध्यम से पूज्य जगदगुरु श्री रामभद्राचार्य जी की रामकथा

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तुलसीपीठ  , मानस मंदिर चित्रकूट में  संस्कार चैनल के माध्यम से पूज्य  जगदगुरु श्री  रामभद्राचार्य जी की  रामकथा   चित्रकूट , 21 जुलाई 2020 ।  वैश्विक  कोरोना महामारी मे भारत सरकार और राज्य सरकार के दिशा - निर्देशों  के  अनुपालन मे आवश्यक  शारिरिक दुरी व मास्क तथा सैनेटाइजर का उपयोग करते हुए केवल तुलसीपीठ परिसर के आवासियों और चैनल के माध्यम से देशभर के भक्तों को  गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती के अवसर पर आयोजित  दिब्य श्रीराम कथा का अमृत पान कराते हुए कथा ब्यास-  जगदगुरु श्रीरामभद्राचार्य जी ने बताया कि "" मानस में धर्म रथ "" विषय पर कथा का आयोजन किया गया है। जगदगुरु जी  मानस के गुढ रहस्य को बताते हुए कहा कि धर्म रथ में 32 अववय हैं।इस कथा का प्रमुख बिंदु है।अब इस कथा का पुस्तकाकार होगी। जो तुलसीपीठ के युवराज आचार्य रामचंद्रदास प्रकाशित कराएगे ।राम जी विभीषण से कह रहे हैं  जैसा मैं वणंन  कह रहा हूँ वैसा ही जिसके पास रहता है या होता है।सभी योद्धाओं सेनापति समाप्त प्राय हो चुके है।अब रावण ही मरुत रथ पर बैठकर युद्ध के लिए जा रहा है बानरी सेना और राक्षसी सेना य

विवाद मुक्त गांव ही समरस भारत की कुंजी है" विषय पर दीनदयाल शोध संस्थान ने किया चिंतन

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विवाद मुक्त गांव ही समरस भारत की कुंजी है" विषय पर दीनदयाल शोध संस्थान ने किया चिंतन; देशभर से 743 प्रतिभागियों की रही उपस्थिति । चित्रकूट, 17 जुलाई 2020 ।  विवाद समाप्त करने का मूल मंत्र है, लोगों में आपसी भाईचारे को कायम करना और उनमें आपसी विश्वास पैदा करना। ग्रामीण बहुत अधिक संवेदनशील होते हैं। उनका स्वभाव थोड़ा अलग होता है छोटी-छोटी बात पर नाराज और खुश हो जाते हैं परंतु संवेदना और विश्वास उनकी सबसे बड़ी पूंजी है। उनके इस दोनों पहलुओं को सही दिशा में लाने का काम किया जाए तो नतीजा अनुकूल आ सकता है। इस सबके लिए आपस में संवाद बहुत महत्वपूर्ण है, जब हमारे गांव विवाद मुक्त होंगे तो निश्चित तौर पर समरस समाज की ओर भी हम अग्रसर होंगे। यह अवसर था दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा विवाद मुक्त गांव पर आयोजित राष्ट्रीय वेबीनार का जिसमें वक्ताओं के द्वारा उपरोक्त बातें कही गई।  दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा आज "विवाद मुक्त गांव ही समरस भारत की कुंजी है" विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य रुप से दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा चित्रकूट मॉडल पर किए गए कार्यों पर

कोरोना संक्रमण के दौर ने हमें फिर से परंपरागत और स्वदेशी की ओर बढ़ने का दिया अवसर - अभय महाजन

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कोरोना संक्रमण के दौर ने हमें फिर से परंपरागत और स्वदेशी की ओर बढ़ने का दिया अवसर - अभय महाजन चित्रकूट , 18 जुलाई 2020।  किसी भी देश को सुसंपन्न और सामर्थ्यवान बनाने में स्वदेशी भाव का बहुत बड़ा योगदान होता है। वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता महसूस की जाने लगी है। अपने बाजार को दूसरे देशों के हवाले करने से उस देश का आर्थिक आधार मजबूत होता जाएगा, लेकिन अपना खुद का देश बहुत पीछे चला जाएगा। स्वदेशी के विचार को जीवन में धारण करने से जहां हम स्वयं मजबूत होंगे, वहीं गांव, शहर और देश भी स्वावलंबन की दिशा में कदम बढ़ाएगा और यही समृद्धि का रास्ता है। इन्ही सब बातों को लेकर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर एवं दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट तथा इतिहास संकलन समिति महाकौशल व रानी दुर्गावती शोध संस्थान जबलपुर और इतिहास विभाग रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में "स्वदेशी आंदोलन की वर्तमान परिपेक्ष में प्रासंगिकता" विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का ऑनलाइन गूगल मीट पर आयोजन किया गया।  इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में दीनदयाल शोध संस्थान के सं

दिव्यांग विश्वविद्यालय में शिक्षा संकाय द्वारा राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन

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दिव्यांग विश्वविद्यालय में शिक्षा संकाय द्वारा राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन  चित्रकूट , 17 जुलाई 2020।  जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय  में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनर कार्यक्रम का आयोजन शिक्षा संकाय द्वारा किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के आजीवन  कुलाधिपति जी  जगदगुरु रामभद्राचार्य जी के    आशीर्वचन से हुआ। जगदगुरु जी ने कहा कि  आज वैश्विक कोरोना महामारी मे पुरा विश्व परेशान हैं।यह एक ऐसी महामारी है जिसकी कल्पना भी नहीं कि जा सकती थी । विश्व युद्ध के बाद लगभग इतना बड़ी बीमारी कभी नहीं आइ थी ।  भारत में आज  दस लाख लोगो को संक्रमण हो गया है ।मेरा मानना है कि इस गंभीर बीमारी से बचने के लिए मास्क या गमझा  से अपने मुह को अवश्य ढकें । गुटखा या पान मसाला नहीं खाए । दिब्यांग छात्रों को भी गुटखा , पान मसाला नहीं खाना चाहिए। शारिरिक दुरी का पालन करते हुए  कोरोना का डटकर मुकाबला करें। हमारा आहार -  विहार शुद्ध हो तभी स्वछता पर ध्यान रखें। यही मेरी अपील हैं। आयोजित कार्यक्रम के लिए शिक्षा संकाय  को बहुत - बहुत साधुवाद। तत्पश्चात मां भगवती के श्री चरणों

प्रवासियों के रोजगार सृजन के लिए डीआरआई के कृषि विज्ञान केंद्र ने दिया मुर्गी पालन का प्रशिक्षण; बताए गए उसके प्रबंधन के तरीके

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प्रवासियों के रोजगार सृजन के लिए डीआरआई के कृषि विज्ञान केंद्र ने दिया मुर्गी पालन का प्रशिक्षण; बताए गए उसके प्रबंधन के तरीके चित्रकूट- 15 जुलाई 2020।  मुर्गीपालन व्यवसाय से मुनाफा कमाने के लिए किसान को उसके प्रबंधन, टीकाकरण के साथ साथ कई और भी उपाय करने होते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में अभी भी कई पोल्ट्री किसान इसको नज़रअंदाज कर देते हैं, जिससे पोल्ट्री किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। मुर्गीपालन व्यवसाय को शुरू करने से पहले किसान को प्रशिक्षण लेना बहुत जरूरी है। इसके अलावा फार्म में वह किस नस्ल के चूजे डाल रहे हैं, उनको किस तरह का आहार देना है उनका प्रबंधन किस तरह किया जाए इसके बारे में जानकारी होगी। तभी किसान को लाभ होगा। उपरोक्त बातें प्रवासी कामगारों को रोजगारोन्मुखी मुर्गी पालन प्रशिक्षण के समापन अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान के कृषि विज्ञान केंद्र के प्रशिक्षकों द्वारा कही गई। दीनदयाल शोध संस्थान कृषि विज्ञान केंद्र, मझगवां में भारत सरकार की गरीब कल्याण रोजगार परियोजना अंतर्गत प्रवासी कामगारो  को रोजगार सृजन करने एवं आत्म निर्भर बनाने के लिए मुर्गी

प्रवासी कामगारो की आजीविका सुरक्षा हेतु कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां द्वारा जल एवं मृदा संरक्षण की तकनीकियों पर दिया गया प्रशिक्षण

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प्रवासी कामगारो की आजीविका सुरक्षा हेतु कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां द्वारा जल एवं मृदा संरक्षण की तकनीकियों पर दिया गया प्रशिक्षण चित्रकूट 11 जुलाई 2020 । दीनदयाल शोध संस्थान कृषि विज्ञान केंद्र, मझगवां में भारत सरकार की गरीब कल्याण रोजगार योजना अंतर्गत प्रवासी कामगारो की आजीविका सुरक्षा हेतु जल एवं मृदा संरक्षण पर तीन दिवसीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम, दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन एवं कृषि विज्ञान केंद्र मझगवा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉक्टर राजेंद्र सिंह नेगी के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। इस अवसर पर डॉ.राजेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से कुल 35 प्रवासी कामगारो को जल एवं मृदा संरक्षण का महत्व एवं मृदा संरचना का निर्माण कैसा होता है, इस विषय पर विस्तृत जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम के माध्यम से बताया गया कि हमें कैसे वर्षा जल को संरक्षित कर पूरे वर्ष पीने योग्य पानी उपलब्ध होता रहे तथा इसके लिए हमें सबसे ज्यादा जरूरी है, कि सोकता गड्ढा बनाकर ट्यूबेल, हैंडपंप एवं कुआं को रिचार्ज एवं हम छोटे-छोटे तालाब बनाकर वर्षा जल को संग्रहित कर फ

स्थानीय और प्रवासी कामगारों के कौशल प्रमाणीकरण के कार्य हेतु ग्रामोदय विश्वविद्यालय में काम शुरु

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स्थानीय और प्रवासी कामगारों के कौशल प्रमाणीकरण के कार्य  हेतु ग्रामोदय विश्वविद्यालय में काम शुरु। कृषि पर्यटन की आवश्यकता पर विशिष्ट व्याख्यान। चित्रकूट, 9 जुलाई 2020। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय इस वर्ष बहुस्तरीय प्रवेश और निकास शिक्षा शैली के माध्यम से   स्थानीय और प्रवासी कामगारों के पास उपलब्ध  कौशल और तकनीकी ज्ञान के   प्रमाणीकरण की योजना को यथार्थ का धरातल प्रदान करने के लिये तेजी के साथ प्रयास कर रहा है।इसकी कार्ययोजना  हेतु कुलपति प्रो नरेश चंद्र गौतम ने दीन दयाल उपाध्याय कौशल शिक्षा केन्द्र के प्राचार्य ई राजेश सिन्हा को निर्देशित किया है।कुलपति प्रो गौतम ने यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत संकल्पना की थीम के अनुरूप ग्रामोदय विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कौशल शिक्षा की कार्य शैली को परिमार्जित करने की दृष्टि से लिया है।इस कार्यक्रम की विशेषता यह होगी कि 06 माह की अल्प अवधि वाले सर्टिफिकेट  में प्रवेश लेने वाला क्रमशः डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा, बैचलर डिग्री, पी जी डिप्लोमा और पी जी डिग्री तक लगातार अध्ययन कर सकता है।बीच में ब्

स्थानीय संसाधनों से स्वावलंबन की ओर बढ़ रहे ग्राम गोपीपुर के कृषक; उत्साहवर्धन करने पहुंचे दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन

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सरकार की टीएसपी योजना से बदल रही आदिवासी बाहुल्य गांव गोपीपुर की तस्वीर स्थानीय संसाधनों से स्वावलंबन की ओर बढ़ रहे ग्राम गोपीपुर के कृषक; उत्साहवर्धन करने पहुंचे दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन चित्रकूट, 08 जुलाई 2020। चित्रकूट जनपद के मानिकपुर ब्लॉक के अन्तर्गत गोपीपुर करौहा में दीनदयाल शोध संस्थान के तुलसी कृषि विज्ञान केन्द्र गनीवां द्वारा चल रही ट्राइबल सब प्लान परियोजना द्वारा स्थानीय संसाधनों से आदिवासी कृषकों  को स्वावलंबी बनाया जा रहा है। आदिवासियों के उत्थान के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे टीएसपी (ट्राइबल सब प्लान) योजना से आदिवासी बहुल गांवों की तस्वीर बदल रही है। आज वहां का नजारा बदल गया है। हर घर में लोग स्वरोजगार में जुटे हैं। यह परियोजना विगत 3 वर्षों से चल रही है, जिसके तहत भारत सरकार द्वारा प्रत्येक कृषक को उचित बीज भंडारण सुविधा उपलब्ध कराई गई है। परियोजना के अंतर्गत कुछ कृषकों को दुग्ध उत्पादन इकाई के तहत 12 भैंस एवम् आटा चक्की, डीजल इंजन, चेक डैम, आदि संसाधनों का वितरण किया गया है। जिससे गोपीपुर के समस्त कृषक समृद्ध हो रहे है। दीनदयाल

तुलसी पीठ में गुरू पूजन का आयोजन किया गया

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      श्री गुरू पूणिर्मा महोत्सव*  तुलसीपीठ  चित्रकूट,05   जुलाई 2020 । आज गुरू शिष्य परंपरा में गुरू पूणिर्मा के पावन अवसर पर   केंद्र   सरकार और जिला प्रशासन द्वारा कोरोना बीमारी संबंधित  निर्देश के अनुपालन मे    चित्रकूटतुलसीपीठाधीश्वर जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी आश्रम में तुलसी पीठ में  गुरू पूजन का आयोजन किया गया। जिसमें राघव सरकार व जगदगुरु श्रीरामभद्राचार्य जी  का तिलक व  शाल  , श्रीफल , कपूर की माला पहनाकर पुजन  तुलसीपीठ के युवराज  आचार्य रामचन्द्र दास जी ने किया।आज महामारी के कारण देश - विदेश में  फैले राघव परिवार के  लाखों भक्तों को अपना आशीर्वाद संस्कार  टीवी चैनल के माध्यम से  दिया।  पुजनीय जगदगुरु जी ने कहा कि मेरे लाडले और भगवान राघवेंद्र सरकार श्री राम तुलसी पीठ के उक्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास तथा सभी धर्म नुरागी भाईयों बहनों को अनेक अनेक मंगलानुशासन क्षापित कर रहा हूँ। आज के ही दिन 5 हजार 900 वषों पहले इसी उत्तर प्रदेश के कालपी यमुना के तट पर महर्षि वेदव्यास जी का आविर्भाव हुआ था।महर्षि वेदव्यास जी ने कया नहीं किया ? वे

संत कवि तुलसीदास की रचनाओं में संगीत जगदगुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग

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संत कवि तुलसीदास की रचनाओं में संगीत  जगदगुरू रामभद्राचार्य चित्रकूट 2 जुलाई 2020। संत कवि तुलसीदास की रचनाओं में संगीत  जगदगुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के संगीत विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार का  आज समापन  भाषण मुख्य अतिथि आजीवन कुलाधिपति  जगदगुरु स्वामी  श्रीरामभद्राचार्य जी द्वारा किया गया । जगदगुरु जी ने अपने संबोधन में  कहा कि संगीत जीवन की अनुपम उपलब्धि हैं।संत तुलसीदास जी ने मानस को गाया है वे खुद कहते हैं ।मैं मानस  जी को  संगीतमय गा रहा हूं।तुलसीदास जी ने कहा कि अगर इस संसार सागर को पार करना है तो  भगवान  श्रीराम के गुण - गणों को गाना पडेगा। संगीत संसार सागर में तरण के लिए ऐसा अनुपम उदाहरण  हैं।जो  इस कराल , कलिकाल मे भी नष्ट नहीं होता है। प्लव ने  जहाज , जलयान ,जलपोत  दिया। तुलसीदास जी ने अपने जीवन में  संगीत से संसार को नहीं रिझाया  । एकमात्र भगवान श्रीराम को सुनाया ।हनुमानजी जी भगवान के पूर्ण भक्त थे ।हमेशा साथ रहते थे।इसके लिए अब मैं आज फिर कहुगा कि हमे अब बंदिश को छोडकर वंदना को अपनाना होगा जिससे इस संसार का कल्याण हो सकेगा।

संत कवि तुलसीदास की रचनाओं में संगीत विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार दिव्यांग विश्वविद्यालय में आयोजित

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फोटो : पद्मविभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज Shubham Rai Tripathi संत कवि तुलसीदास की रचनाओं में संगीत विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबीनार ।  चित्रकूट , 1 जुलाई 2020।  उत्तर प्रदेश के संगीत विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार का उद्घाटन  आज प्रातः 11:00 जूम एप के माध्यम से प्रारंभ हुआ । जिसमें उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि एवं विषय प्रवर्तन आजीवन कुलाधिपति  जगदगुरु स्वामी  श्री रामभद्राचार्य जी द्वारा किया गया । अध्यक्षता विश्वविद्यालय के  माननीय कुलपति प्रोफेसर योगेश चंद्र  दुबे जी ने की ।  इस सत्र में आंमत्रित  अतिथियों का स्वागत और अतिथि परिचय  बेबीनार संयोजिका  डॉ0 ज्योति विश्वकर्मा ने  किया।  उद्घाटन सत्र का प्रारंभ विश्वविद्यालय के  कुलगीत से हुआ जिसे मधुर स्वर में डा.जयोति ने लयबध  किया। उदघाटन के प्रथम सत्र में पद्म विभूषण जगदगुरु रामभद्राचार्य जी ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी के संगीत में यह प्रेरणा मिलती है कि संगीत विदानो को अब बंदिश से वंदना की तरफ बढना चाहिए। उन्होंने तानसेन और बैजुबावरा मे यही अंतर भी उघघाटित किया। बताया कि बैजुबावरा ईश्वर