संत कवि तुलसीदास की रचनाओं में संगीत जगदगुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग
संत कवि तुलसीदास की रचनाओं में संगीत जगदगुरू रामभद्राचार्य
चित्रकूट 2 जुलाई 2020। संत कवि तुलसीदास की रचनाओं में संगीत जगदगुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के संगीत विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबीनार का आज समापन भाषण मुख्य अतिथि आजीवन कुलाधिपति जगदगुरु स्वामी श्रीरामभद्राचार्य जी द्वारा किया गया । जगदगुरु जी ने अपने संबोधन में कहा कि संगीत जीवन की अनुपम उपलब्धि हैं।संत तुलसीदास जी ने मानस को गाया है वे खुद कहते हैं ।मैं मानस जी को संगीतमय गा रहा हूं।तुलसीदास जी ने कहा कि अगर इस संसार सागर को पार करना है तो भगवान श्रीराम के गुण - गणों को गाना पडेगा। संगीत संसार सागर में तरण के लिए ऐसा अनुपम उदाहरण हैं।जो इस कराल , कलिकाल मे भी नष्ट नहीं होता है। प्लव ने जहाज , जलयान ,जलपोत दिया। तुलसीदास जी ने अपने जीवन में संगीत से संसार को नहीं रिझाया । एकमात्र भगवान श्रीराम को सुनाया ।हनुमानजी जी भगवान के पूर्ण भक्त थे ।हमेशा साथ रहते थे।इसके लिए अब मैं आज फिर कहुगा कि हमे अब बंदिश को छोडकर वंदना को अपनाना होगा जिससे इस संसार का कल्याण हो सकेगा। अंत में मैं इस आनलाइन बेबीनार के सफल आयोजन में आमंत्रित समस्त विदान अतिथियों को बहुत- बहुत आशीर्वाद व धन्यवाद देता हूँ। आज तृतीय व चतुर्थ सत्र में आंमत्रित अतिथियों मे डा0 विजय श्री शर्मा अमेरिका , पंडित अभय माणके इंदौर , प्रो0 निशा झा भागलपुर बिहार, डा0 संतोष कुमार सिकिम , डा0 अरविंद कुमार पटना , श्री एस पटेल टोरंटो कनाडा , प्रो0 के शशि कुमार वाराणसी आदि ने अपने विचार रखें। सभी अतिथियों का परिचय बेबीनार संयोजिका डॉ0 ज्योति विश्वकर्मा ने किया। आयोजन के कोआर्डिनेटर डा0 गोपाल कुमार मिश्र ने सभी आनलाइन बेबीनार मे विशेष सहयोग के लिए डा0 राम शंकर सिंह संगीत विभाग बीएचयू , व संचालन डा0 गोपाल मिश्रा , डा0 शवेता कुमारी , डा0 रूचि मिश्रा , आदित्य तिवारी , कु0 प्रतिक्षा मिश्रा व बेबीनार मे अद्भुत सहयोग के लिए डा0 मनीष कुमार ,पीआरओ एस0 पी0 मिश्रा को धन्यवाद दिया । इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा0 महेंद्र कुमार उपाध्याय , डा0 विनोद कुमार मिश्रा , निहार रंजन मिश्रा ,डा0 रजनीश सिंह , पीआरओ एस0 पी मिश्रा सहित समस्त शिक्षक गण प्रतिभागी आनलाइन बेबीनार कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
Shubham Rai Tripathi
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