तुलसीपीठ , मानस मंदिर चित्रकूट में संस्कार चैनल के माध्यम से पूज्य जगदगुरु श्री रामभद्राचार्य जी की रामकथा
तुलसीपीठ , मानस मंदिर चित्रकूट में संस्कार चैनल के माध्यम से पूज्य जगदगुरु श्री रामभद्राचार्य जी की रामकथा
चित्रकूट , 21 जुलाई 2020 । वैश्विक कोरोना महामारी मे भारत सरकार और राज्य सरकार के दिशा - निर्देशों के अनुपालन मे आवश्यक शारिरिक दुरी व मास्क तथा सैनेटाइजर का उपयोग करते हुए केवल तुलसीपीठ परिसर के आवासियों और चैनल के माध्यम से देशभर के भक्तों को गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती के अवसर पर आयोजित दिब्य श्रीराम कथा का अमृत पान कराते हुए कथा ब्यास- जगदगुरु श्रीरामभद्राचार्य जी ने बताया कि "" मानस में धर्म रथ "" विषय पर कथा का आयोजन किया गया है। जगदगुरु जी मानस के गुढ रहस्य को बताते हुए कहा कि धर्म रथ में 32 अववय हैं।इस कथा का प्रमुख बिंदु है।अब इस कथा का पुस्तकाकार होगी। जो तुलसीपीठ के युवराज आचार्य रामचंद्रदास प्रकाशित कराएगे ।राम जी विभीषण से कह रहे हैं जैसा मैं वणंन कह रहा हूँ वैसा ही जिसके पास रहता है या होता है।सभी योद्धाओं सेनापति समाप्त प्राय हो चुके है।अब रावण ही मरुत रथ पर बैठकर युद्ध के लिए जा रहा है बानरी सेना और राक्षसी सेना युद्ध कर रही हैं।उसी समय भक्त प्रवर विभीषण की नजर भगवान राम जी पर पडी ।जहां परम भागवतों का वर्णन आता है।जो प्रहलाद से प्रारंभ और विभीषण से समाप्त होता है। विभीषण जी ने14 भागवतों का स्मरण किया।जो नरक से पितरों को बचा ले उसे पुत्र कहते हैं। इतना भजन करो कि भजन के प्रभाव से नरक से बचा लो । सभी भक्त जन भगवान का भजन कीर्तन करते हुए वैश्विक कोरोना महामारी से अवश्य ही विजय प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं विशुद्ध हिन्दू वैदिक सनातन का प्रचार करूंगा। इस कथा के मुख्य यजमान श्री संतोष पाल अमेरिका हैं। तुलसी पीठ के युवराज आचार्य रामचंद्र ने कहा कि सभी पुजय गुरुदेव के राघव परिवार तथा दिबयांग विश्वविद्यालय व भक्तों / श्रोताओं को संस्कार चैनल के माध्यम से घर बैठ कर अपने आप को कोरोना महामारी से बचाते हुए चैनल के माध्यम से कथा श्रवण करें। उक्त आशय की जानकारी पीआरओ एस0 पी0 मिश्रा ने दी।
Shubham Rai Tripathi
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