स्थानीय स्तर पर मेडिकल सुविधाओं से युक्त संस्थाओं के सहयोग से जीत सकते हैं जंग


The Chitrakoot Post
Shubham Rai Tripathi

कोविड काल‌ में PHC प्राइमरी स्वास्थ्य केंद्र नयागांव चित्रकूट को अपग्रेड करने की आवश्यकता

पीएचसी चित्रकूट बने डिलीवरी प्वाइंट

स्थानीय स्तर पर मेडिकल सुविधाओं से युक्त संस्थाओं के सहयोग से जीत सकते हैं जंग

नपा चित्रकूट द्वारा डोर टू डोर कैंपेन, संक्रमण की तोड़ेगा कमर

समय रहते स्वास्थ्य सेवाओं को नहीं बढ़ाया गया तो स्थिति होगी अनकंट्रोल

जिला मुख्यालय 80 किलोमीटर दूर - पड़ोसी जनपद में संक्रमण का फैलाव तेज, नगरवासी भटकने को मजबूर

सतना/ चित्रकूट , 09 मई 2021। वर्तमान परिस्थितियों में , स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चलाए रखते हुए लोगों तक मेडिकल सेवा उपलब्ध कराना यह मध्य प्रदेश सरकार के साथ साथ सतना जिला प्रशासन की प्राथमिकता में है। परंतु जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर , धर्म नगरी चित्रकूट में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नयागांव की हालत स्वयं वेंटिलेटर पर है। नगर पंचायत क्षेत्र के साथ ही चित्रकूट नगर से ग्रामीण आबादी भी लगी हुई है। जो कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चित्रकूट एवं उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जनपद में उपलब्ध मेडिकल सुविधाओं पर ही निर्भर हैं। स्थानीय स्तर पर संक्रमण के इस दौर में आवश्यकता है तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अपग्रेड करने की। इसके साथ ही एक अतिरिक्त एंबुलेंस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से अटैच करने की आवश्यकता है। वर्तमान में सतना सांसद द्वारा एक एंबुलेंस नगर पंचायत को उपलब्ध कराई गई है जो कि थाना नयागांव एवं नगर पंचायत के सहयोग से संचालित है।
जिससे कि धर्म नगरी चित्रकूट में संक्रमण के बढ़ते चेन को तोड़ पाने में सफलता मिल सके। इतने बड़े क्षेत्र में सिर्फ एक छोटा सा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाकर जिला प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से विमुख होता नजर आ रहा है। जनप्रतिनिधियों के वादे भी हवा हवाई साबित हो रहे हैं। क्षेत्र के अंतर्गत नगर एवं ग्रामीण वासियों को स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता पर गंभीरता इस बात से नजर आती है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र , प्राथमिकता में ही नहीं है। नगर में वैक्सीनेशन की उपलब्धता भी स्थानीय स्तर पर प्राइवेट संस्थानों को पहले दी गई। नगर का व्यापक क्षेत्र दूरदराज दस्यु प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों तक फैला हुआ है। इतनी बड़ी आबादी के दृष्टिकोण से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चित्रकूट की भूमिका महत्वपूर्ण है। परंतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होने के चलते सुविधाओं का टोटा सदैव बना ही रहता है। सतना जिला प्रशासन को वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में परिवर्तित करना चाहिए। जिससे कि आम जनों तक सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू एवं सुलभ रूप से पहुंच सके। 

स्थानीय नगर वासियों को संक्रमण काल में मेडिकल इमरजेंसी के लिए नगर सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रमुखता से निर्भर होना मजबूरी है। क्योंकि सतना जिला मुख्यालय 80 किलोमीटर दूर स्थित है। परंतु चित्रकूट जनपद में दिन प्रतिदिन एक्टिव मरीजों की संख्या के चलते जनपद मुख्यालय स्थित को खोह कोविड सेंटर में भी सभी को समय पर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हो पाना मुश्किल है। ऐसी स्थिति में सतना जिला प्रशासन को चित्रकूट नगर में ही ऑक्सीजन एवं वेंटिलटर युक्त बेडो की संख्या बढ़ाना चाहिए। वर्तमान में स्थानीय स्तर पर वेंटिलेटर युक्त बेड उपलब्ध ही नहीं है। जो की वर्तमान समय में प्रमुख मांग है।

चित्रकूट क्षेत्र में बढ़ते कोविड-19 संक्रमण की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। जिसका भयावह रूप भी स्थानीय स्तर अपने चित्र परिचितों को खो देने के रूप में मिला। यह स्थिति चिंताजनक है । सतना जिला प्रशासन के निर्देशन में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मझगवां एवं उपखंड मजिस्ट्रेट के निर्देशन में नगर पंचायत के माध्यम से डोर टू डोर मेडिक कैंपेन भी शुरू हो चुका है। जिसकी मॉनिटरिंग स्थानीय स्तर पर एसडीएम मझगवां पी.एस त्रिपाठी, नायब तहसीलदार चित्रकूट ऋषि नारायण सिंह , नगर पंचायत चित्रकूट सीएमओ कर रहे हैं। जिसमें नगर पंचायत के कर्मचारी घर-घर जाकर परिवार के सदस्यों में सर्दी-खांसी-जुकाम के लक्षणों की जानकारी लेकर उचित स्वास्थ्य सेवाएं देने का प्रयास कर रहे हैं। जो कि लक्षण युक्त व्यक्तियों की पहचान कर संक्रमण की चेन तोड़ने में प्रभावी होगा। आवश्यकता पड़ने पर मेडिकल किट भी प्रदान की जा रही है। परंतु जिस प्रकार से देश के शीर्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में संक्रमण की तीसरी लहर भी आ सकती है इस स्थिति में यह प्रयास वर्तमान परिस्थिति अनुसार काफी नहीं है और हमें विशेष रूप से इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक रूप से सुदृढ़ , सुव्यवस्थित और सुलभ करने पर ध्यान देना चाहिए।


स्थानीय स्तर पर संस्थाओं में उपलब्ध मेडिकल सुविधाओं को जनता के लिए खोलें


स्थानीय स्तर पर मौजूद प्राइवेट संस्थाओं के पास मेडिकल सुविधा युक्त व्यवस्थाएं उपलब्ध है, जिन्हें प्रशासन के सहयोग से अपग्रेड करने की आवश्यकता है । स्थानीय स्तर पर निजी संस्थाओं ने पिछले वर्ष 2020 में लॉकडाउन के समय आवश्यकता पड़ने पर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात रखी थी। वर्तमान समय में सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट द्वारा संचालित जानकीकुंड अस्पताल ने कोविड केयर सेंटर की व्यवस्था शुरू की है। जहां कोविड जांच एवं भर्ती की व्यवस्था उपलब्ध है। इसी प्रकार से स्थानीय स्तर दीनदयाल शोध संस्थान के आरोग्यधाम प्रकल्प का आरोग्य सदन भी मेडिकल सुविधाओं से सुसज्जित है। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में भी आयुर्वेद सदन मेडिकल स्टाफ सहित उपलब्ध है। जगदगुरू रामभद्राचार्य महाराज का तुलसी पीठ भी स्थानीय स्तर पर संसाधन उपलब्ध करा सकता है। जिससे जिला प्रशासन को चित्रकूट नगर में , क्वॉरेंटाइन सेंटर, ऑक्सीजन एवं वेंटिलटर सुविधा युक्त बेड जैसी अन्य महत्वपूर्ण मेडिकल सेवाओं को अस्थाई तौर पर चालू किया जा सकता। नगर की अग्रणी संस्थाओं एवं संत समाज ने अपनी संस्थाओं के माध्यम से दिल खोलकर उम्मीद से अधिक अपने स्तर से स्थानीय लोगों को मदद पहुंचाने का कार्य पिछले वर्ष किया था और इस वर्ष संक्रमण की दूसरी लहर में भी सेवा में तत्पर नजर आ रहे हैं। जिला प्रशासन, नगर में ऐसी संस्थाओं को चिन्हित कर वहां मेडिक स्टाफ एवं व्यवस्थाएं देकर लोगों को राहत पहुंचाने का काम कर सकता है। परंतु यदि मेडिकल, इंफ्रास्ट्रक्चर संसाधन आदि उपलब्ध होने के बावजूद भी व्यवस्थाएं सीमित बनी रहेंगी तो आने वाले समय में स्थिति भयावह होने से कोई रोक नहीं सकता। स्थानीय स्तर पर इसलिए आवश्यक है कि बड़े पैमाने पर सुविधा युक्त इमरजेंसी कोविड केयर सेंटर की स्थापना की जाए। जिससे इमरजेंसी हालत में लोगों को चित्रकूट जनपद ( उत्तर प्रदेश ) पर निर्भर ना होना पड़े। 

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 पी.एस त्रिपाठी (अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं उपखंड मजिस्ट्रेट मझगवां )


मझगवां अनुभाग में कोविड-19 सेंटर के लिए आक्सीजन युक्त बेड
 
10 बेड मझगवां (संचालित)
20 बेड बिरसिंहपुर (संचालित)
10 बेड बरौंधा (संचालित)

(चालू होगा, जल्दी)

10 बेड चित्रकूट
10 बेड जैतवारा

इसके अलावा मझगवां अनुभाग की तीन नगर पंचायत एवं 96 ग्राम पंचायतों में सर्वे कार्य चल रहा है। जिसमें डोर टू डोर कैंपेन चला कर संक्रमित लक्षण वाले लोगों को मेडिकल किट उपलब्ध कराई जा रही है। कोविड टेस्ट करवाया जा रहा है संक्रमित होने पर उन्हें आइसोलेट अथवा भर्ती कि व्यवस्था की जाती है। वर्तमान में 60 ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है। जल्द ही हमें 18 कंसंट्रेटर भी मिलने वाला है। 


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राजेंद्र मिश्रा (जनसंपर्क अधिकारी), श्री सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट - 

वर्तमान में हमारे पास 15 ऑक्सीजन एवं 25 नॉन ऑक्सीजन बेड कोविड सेंटर में है। 30 बेड होम आइसोलेशन के लिए है। जल्द ही इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा प्रतिदिन अन्नपूर्णा रसोई से भोजन सामग्री जरूरतमंदों को वितरित की जा रही है।

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अनिल जयसवाल (मैनेजिंग डायरेक्टर) दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट

हम प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। मझगवा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के बनवासी बालिका विद्यालय में स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर 20 बेड कोविड-19 सेंटर के लिए बनाया है। 
चित्रकूट नगर स्तर पर आरोग्य धाम प्रकल्प के आरोग्य सदन में 25 बेड की आयुर्वेद ओपीडी चालू है। स्थानीय स्तर पर दुर्गम क्षेत्रों में रह रहे संत समाज के लिए पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी भोजन एवं मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने की योजना है। 

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वैद्य डॉक्टर राकेश श्रीवास्तव (आयुर्वेद प्रभारी, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय)

विश्वविद्यालय स्तर पर 5 बेड की आयुर्वेद ओपीडी संचालित है। जिसमें आवश्यकता पड़ने पर विश्वविद्यालय के ऑफिस समयनुसार विद्यार्थियों एवं विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को ट्रीटमेंट दिया जाता है। 

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आचार्य रामचंद्र दास (जय भैया) , उत्तराधिकारी तुलसी पीठ चित्रकूट

पूज्य गुरुजी रामभद्राचार्य महाराज द्वारा पुष्पित यह संस्था समाज की है। वैश्विक महामारी के इस दौर में संस्था समाज के लिए सदैव है। सतना कलेक्टर से इस संदर्भ में हमने स्वयं पहल करते हुए अनुरोध किया है , कि आवश्यकता पड़ने पर संस्था समाज के लिए खड़ी है।

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