पुरातन छात्र सम्मेलन 2019
thechitrakootpost 29/10/2019.
सुरेंद्र पाल ग्रामोदय विद्यालय चित्रकूट का पुरातन छात्र सम्मेलन संपन्न ।
देश-विदेश से आए हुए पुरातन छात्रों की रही गरिमामय उपस्थिति ।
प्रधानाध्यापक कालिका श्रीवास्तव व वरिष्ठ कर्मचारी शरद चन्द्र पाण्डेय को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
पुरातन छात्र परिषद की वेबसाइट का किया गया लोकार्पण।
स्मृति चिन्ह पाकर चहक उठे मेधावियों के चेहरे ।
चित्रकूट । सुरेंद्र पाल ग्रामोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चित्रकूट का *दसवां पुरातन छात्र सम्मेलन,स्मृति-2019* उत्साहपूर्वक रूप में संपन्न हुआ। यहां आए हुए छात्र-छात्राओं ने अपने छात्र जीवन के विद्यालय कालीन अनुभव को पुनर्जीवंत किया ।
पुरातन छात्र सम्मेलन स्मृति-2019 के मुख्य अतिथि आर्किटेक्ट इंजीनियर एवं दीनदयाल शोध संस्थान के प्रबंध कार्यकारिणी के सदस्य ई.उत्तम बनर्जी ने कहा कि आज यहां उपस्थित होकर एक सुखद अनुभूति हो रही है। विद्यालय के नाम ग्रामोदय के आधार पर अपने जीवन की भूमिका छात्र तय करें । श्रद्धेय राष्ट्र ऋषि भारत रत्न नानाजी देशमुख की कल्पना का एक बेहतरीन प्रकल्प है यह विद्यालय। वह आधुनिक युग के ऋषि हैं। विद्यार्थी जीवन में सामाजिक विकृति हावी ना हो इसके लिए आज की आवश्यकता ना केवल रोजगार परक शिक्षा है, बल्कि संस्कार परक शिक्षा का महत्व जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है । सुरेंद्रपाल ग्रामोदय विद्यालय इसका एक अनुकरणीय उदाहरण है जहां संस्कार परक शिक्षा को प्रथम महत्त्व दिया जाता है। गांव के लोग सामाजिक धरोहर एवं संस्कृति के संवाहक हैं । छात्रों में भौतिक और आध्यात्मिक विकास सुनिश्चित हो ।
पुरातन छात्र परिषद के अध्यक्ष उत्तम त्रिपाठी (वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र नौगांव छतरपुर) ने सम्मेलन में उपस्थित नए एवं पुरातन छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहां की पुरातन छात्र परिषद *संवाद, सहयोग, सृजन* के मूल सिद्धांत पर कार्य कर रही है। उन्होंने परिषद की रूपरेखा बताते हुए कहा कि पुरातन छात्र परिषद ने तय किया है कि विद्यालय के ऐसे विद्यार्थी जो बोर्ड परीक्षाओं में उपलब्धि प्राप्त करते हैं ऐसे मेधावी छात्र छात्राओं को प्रतिवर्ष 15 अगस्त को सम्मानित किया जाएगा। परिषद के माध्यम से समय-समय पर वस्त्र बैंक के रूप में जरूरतमंदों को वस्त्र उपलब्ध कराए गए। हम वस्त्र बैंक के रूप में समाज में कार्य कर रहे। यह हमारे लिए परिवार के जैसा है इस विद्यालय प्रांगण में हमें बहुत कुछ दिया हम सभी स्कूल के ऋणी हैं। आज तकनीक का जमाना है। हमारे विद्यालय की प्रत्येक गतिविधियों को प्रसार करने का एक माध्यम पुरातन छात्र परिषद है। वर्ष भर होने वाले विभिन्न आयोजन वार्षिक प्रतियोगिताएं, खेलकूद प्रतियोगिताएं एवं विभिन्न आयोजनों के माध्यम से विद्यार्थियों में सतत विकास हो । उनके हुनर को, उनके अंदर की प्रतिभा को निखारने का कार्य किया जा रहा है।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में अनुभव कथन एवं परिषद के उद्देश्य व गतिविधियों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। जिसमें अनुभव कथन की श्रंखला में विद्यालय के पूर्व छात्र
वैज्ञानिक डॉ सत्यम तिवारी यूनिवर्सिटी ऑफ लाजेंन
(University of lausanne Switzerland) स्विट्ज़रलैंड ,
ने अपने विद्यालयकालीन रोचक अनुभव साझा करते हुए कहा कि आज आप सबके बीच पुनःउपस्थित होकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं । पुरातन छात्र परिषद द्वारा यह आयोजन अपने आप में एक अनूठा एवं अविश्वसनीय मंच है। मैं पहली बार जीवविज्ञान के छात्र के रूप में टाॅप किया जबकी हमेशा से गणितके छत्रो ने ही ऐसा किया था।विद्यालय से पढ़ने के बाद भी अपने गुरुजनों, इष्ट मित्रों एवं छात्रों से संपर्क में बने रहने का शुभ अवसर प्रदान करता है।
प्राध्यापक प्रतीक केसरी,कोशांबी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहां की, श्रद्धा नाना जी का मार्गदर्शन छात्र जीवन में मिला यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है, नानाजी देशमुख के हाथ से पुरुस्कार न मिलने पर मैनै दृढनिश्चय किया और फिर पूरे अध्ययनकाल तक कभी सेकंड नहीं आया । अध्यापक समाज का वह अंग है जो निर्माण की भूमिका का निर्वहन करता है जीवन अतीत से नहीं वर्तमान से चलता है। इसके साथ ही सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता यह विद्यार्थी भली-भांति आत्मसात कर लें।
लवलेश सिंह ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों की जीवन एक अहम भूमिका होती है। छात्र एक विचारधारा को लेकर अध्ययन तो करता है परंतु विद्यालय से निकलने के बाद समाज के विभिन्न आयामों के माध्यम से अपने आप को सृजन कार्यो में लगाता है, ऐसे में पुरातन छात्र परिषद को स्वतंत्र चिंतन,मनन वोहरा कार्य करने देना उचित है। भारत का गौरव विषम परिस्थितियों में भी दृढ़ एवं अखंड बना रहे या चिंतन छात्रों का हो।
कार्यक्रम के श्रंखला में तृतीय सत्र में मेधावी छात्रों का सम्मान कियागया। जिसमें 10वीं कक्षा के 2 एवं 12वीं कक्षा के 6 कुल 8 विद्यार्थियों को यह सम्मान दिया गया। विद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों *सचिन गुप्ता, कुमकुम तिवारी, अथर्व शुक्ला ,अंकित चतुर्वेदी ,संदीप सिंह, विष्णु प्रिया मिश्रा ,प्रिंस राज और आशुतोष कसौधन* को शील्ड, प्रशस्ति पत्र के साथ 1100 रुपए की धनराशि का बैंक चेक प्रोत्साहन के रूप में दिया गया।
इसके साथ ही विद्यालय के शिक्षक कर्मचारी एवं पुरातन छात्रों को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान परिषद द्वारा किया गया । विद्यालय के 49 शिक्षक, 23 कर्मचारीयों को डायरी, स्मृति चिन्ह एवं उपहार देकर सम्मान किया।
पुरातन छात्र परिषद द्वारा प्रतिवर्ष विद्यालय के उत्कृष्ट शिक्षण कार्यों के लिए एक शिक्षक तथा एक कर्मचारी को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जाता है। जिसमें विद्यालय के वरिष्ठ प्रधानाध्यापक प्राथमिक भवन के *कालिका श्रीवास्तव* को यह( *एल.टी.ए.ए* ) लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया । जिसमें ₹10000 की सम्मान राशि चेक के माध्यम से, अंग वस्त्र एवं श्रीफल के साथ स्मृति चिन्ह भेंट किया गया । इसी क्रम में विद्यालय के वरिष्ठ कर्मचारी *शरद चंद्र उर्फ मामा* को भी ₹10000 की सम्मान राशि से पुरस्कृत किया गया है।
विद्यालय के पूर्व छात्र वर्तमान में अध्यापक लवलेश सिंह द्वारा गीत " मित्रता सखत्व बंधु भाव का निनाद हो ।। प्राणियों को पालती है मां धरा की गोद ही ।वनस्पति संभालती है मां धरा की गोद ही।। हम सभी पूरक बने कहीं नहीं फसाद हो। कर्मशील हम बने कहीं नहीं प्रमाद हो....... मित्रता सखत बंधुभाव का निनाद हो " ।। के सामूहिक गायन से सम्मेलन प्रांगण नव ऊर्जा से भर गया।
पुरातन छात्र सम्मेलन की भूमिका पर विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक अशोक दीक्षित द्वारा प्रकाश डाला गया। विद्यालय गतिविधियों की जानकारी कालका श्रीवास्तव ने सम्मेलन में रखी। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। मंच संचालन अशोक सोनी एवं रवि दत्त तिवारी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम में सुरेंद्रपाल ग्रामोदय विद्यालय के प्राचार्य मदन तिवारी द्वारा पुरातन छात्र परिषद की *वेबसाइट http//www.pcpspgvchitrakoot.com/* का लोकार्पण किया व आए हुए पुरातन छात्रों का स्मृति -2019 को सफल बनाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से अशोक कुमार सोनी ,उत्तम त्रिपाठी,रवि दत्त तिवारी, अंकित त्रिपाठी, अक्षय जोशी, विजय यादव, शुभम राय त्रिपाठी, पार्थ द्विवेदी, जितेंद्र सोनी, लवकेश त्रिपाठी, हर्ष वर्मा ,विवेक गुप्ता ,नागेंद्र प्रताप तिवारी, राजेश पटेल, ऐश्वर्य सिंह बघेल आदि पुरातन छात्रों ने सहयोग किया।
शुभमराय त्रिपाठी
मीडिया प्रभारी
पुरातन छात्र परिषद, सुरेंद्र पाल ग्रामोदय विद्यालय चित्रकूट ।
सुरेंद्र पाल ग्रामोदय विद्यालय चित्रकूट का पुरातन छात्र सम्मेलन संपन्न ।
देश-विदेश से आए हुए पुरातन छात्रों की रही गरिमामय उपस्थिति ।
प्रधानाध्यापक कालिका श्रीवास्तव व वरिष्ठ कर्मचारी शरद चन्द्र पाण्डेय को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
पुरातन छात्र परिषद की वेबसाइट का किया गया लोकार्पण।
स्मृति चिन्ह पाकर चहक उठे मेधावियों के चेहरे ।
चित्रकूट । सुरेंद्र पाल ग्रामोदय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चित्रकूट का *दसवां पुरातन छात्र सम्मेलन,स्मृति-2019* उत्साहपूर्वक रूप में संपन्न हुआ। यहां आए हुए छात्र-छात्राओं ने अपने छात्र जीवन के विद्यालय कालीन अनुभव को पुनर्जीवंत किया ।
पुरातन छात्र सम्मेलन स्मृति-2019 के मुख्य अतिथि आर्किटेक्ट इंजीनियर एवं दीनदयाल शोध संस्थान के प्रबंध कार्यकारिणी के सदस्य ई.उत्तम बनर्जी ने कहा कि आज यहां उपस्थित होकर एक सुखद अनुभूति हो रही है। विद्यालय के नाम ग्रामोदय के आधार पर अपने जीवन की भूमिका छात्र तय करें । श्रद्धेय राष्ट्र ऋषि भारत रत्न नानाजी देशमुख की कल्पना का एक बेहतरीन प्रकल्प है यह विद्यालय। वह आधुनिक युग के ऋषि हैं। विद्यार्थी जीवन में सामाजिक विकृति हावी ना हो इसके लिए आज की आवश्यकता ना केवल रोजगार परक शिक्षा है, बल्कि संस्कार परक शिक्षा का महत्व जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करता है । सुरेंद्रपाल ग्रामोदय विद्यालय इसका एक अनुकरणीय उदाहरण है जहां संस्कार परक शिक्षा को प्रथम महत्त्व दिया जाता है। गांव के लोग सामाजिक धरोहर एवं संस्कृति के संवाहक हैं । छात्रों में भौतिक और आध्यात्मिक विकास सुनिश्चित हो ।
पुरातन छात्र परिषद के अध्यक्ष उत्तम त्रिपाठी (वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र नौगांव छतरपुर) ने सम्मेलन में उपस्थित नए एवं पुरातन छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहां की पुरातन छात्र परिषद *संवाद, सहयोग, सृजन* के मूल सिद्धांत पर कार्य कर रही है। उन्होंने परिषद की रूपरेखा बताते हुए कहा कि पुरातन छात्र परिषद ने तय किया है कि विद्यालय के ऐसे विद्यार्थी जो बोर्ड परीक्षाओं में उपलब्धि प्राप्त करते हैं ऐसे मेधावी छात्र छात्राओं को प्रतिवर्ष 15 अगस्त को सम्मानित किया जाएगा। परिषद के माध्यम से समय-समय पर वस्त्र बैंक के रूप में जरूरतमंदों को वस्त्र उपलब्ध कराए गए। हम वस्त्र बैंक के रूप में समाज में कार्य कर रहे। यह हमारे लिए परिवार के जैसा है इस विद्यालय प्रांगण में हमें बहुत कुछ दिया हम सभी स्कूल के ऋणी हैं। आज तकनीक का जमाना है। हमारे विद्यालय की प्रत्येक गतिविधियों को प्रसार करने का एक माध्यम पुरातन छात्र परिषद है। वर्ष भर होने वाले विभिन्न आयोजन वार्षिक प्रतियोगिताएं, खेलकूद प्रतियोगिताएं एवं विभिन्न आयोजनों के माध्यम से विद्यार्थियों में सतत विकास हो । उनके हुनर को, उनके अंदर की प्रतिभा को निखारने का कार्य किया जा रहा है।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में अनुभव कथन एवं परिषद के उद्देश्य व गतिविधियों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। जिसमें अनुभव कथन की श्रंखला में विद्यालय के पूर्व छात्र
वैज्ञानिक डॉ सत्यम तिवारी यूनिवर्सिटी ऑफ लाजेंन
(University of lausanne Switzerland) स्विट्ज़रलैंड ,
ने अपने विद्यालयकालीन रोचक अनुभव साझा करते हुए कहा कि आज आप सबके बीच पुनःउपस्थित होकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं । पुरातन छात्र परिषद द्वारा यह आयोजन अपने आप में एक अनूठा एवं अविश्वसनीय मंच है। मैं पहली बार जीवविज्ञान के छात्र के रूप में टाॅप किया जबकी हमेशा से गणितके छत्रो ने ही ऐसा किया था।विद्यालय से पढ़ने के बाद भी अपने गुरुजनों, इष्ट मित्रों एवं छात्रों से संपर्क में बने रहने का शुभ अवसर प्रदान करता है।
प्राध्यापक प्रतीक केसरी,कोशांबी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहां की, श्रद्धा नाना जी का मार्गदर्शन छात्र जीवन में मिला यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है, नानाजी देशमुख के हाथ से पुरुस्कार न मिलने पर मैनै दृढनिश्चय किया और फिर पूरे अध्ययनकाल तक कभी सेकंड नहीं आया । अध्यापक समाज का वह अंग है जो निर्माण की भूमिका का निर्वहन करता है जीवन अतीत से नहीं वर्तमान से चलता है। इसके साथ ही सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता यह विद्यार्थी भली-भांति आत्मसात कर लें।
लवलेश सिंह ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों की जीवन एक अहम भूमिका होती है। छात्र एक विचारधारा को लेकर अध्ययन तो करता है परंतु विद्यालय से निकलने के बाद समाज के विभिन्न आयामों के माध्यम से अपने आप को सृजन कार्यो में लगाता है, ऐसे में पुरातन छात्र परिषद को स्वतंत्र चिंतन,मनन वोहरा कार्य करने देना उचित है। भारत का गौरव विषम परिस्थितियों में भी दृढ़ एवं अखंड बना रहे या चिंतन छात्रों का हो।
कार्यक्रम के श्रंखला में तृतीय सत्र में मेधावी छात्रों का सम्मान कियागया। जिसमें 10वीं कक्षा के 2 एवं 12वीं कक्षा के 6 कुल 8 विद्यार्थियों को यह सम्मान दिया गया। विद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों *सचिन गुप्ता, कुमकुम तिवारी, अथर्व शुक्ला ,अंकित चतुर्वेदी ,संदीप सिंह, विष्णु प्रिया मिश्रा ,प्रिंस राज और आशुतोष कसौधन* को शील्ड, प्रशस्ति पत्र के साथ 1100 रुपए की धनराशि का बैंक चेक प्रोत्साहन के रूप में दिया गया।
इसके साथ ही विद्यालय के शिक्षक कर्मचारी एवं पुरातन छात्रों को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान परिषद द्वारा किया गया । विद्यालय के 49 शिक्षक, 23 कर्मचारीयों को डायरी, स्मृति चिन्ह एवं उपहार देकर सम्मान किया।
पुरातन छात्र परिषद द्वारा प्रतिवर्ष विद्यालय के उत्कृष्ट शिक्षण कार्यों के लिए एक शिक्षक तथा एक कर्मचारी को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जाता है। जिसमें विद्यालय के वरिष्ठ प्रधानाध्यापक प्राथमिक भवन के *कालिका श्रीवास्तव* को यह( *एल.टी.ए.ए* ) लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया । जिसमें ₹10000 की सम्मान राशि चेक के माध्यम से, अंग वस्त्र एवं श्रीफल के साथ स्मृति चिन्ह भेंट किया गया । इसी क्रम में विद्यालय के वरिष्ठ कर्मचारी *शरद चंद्र उर्फ मामा* को भी ₹10000 की सम्मान राशि से पुरस्कृत किया गया है।
विद्यालय के पूर्व छात्र वर्तमान में अध्यापक लवलेश सिंह द्वारा गीत " मित्रता सखत्व बंधु भाव का निनाद हो ।। प्राणियों को पालती है मां धरा की गोद ही ।वनस्पति संभालती है मां धरा की गोद ही।। हम सभी पूरक बने कहीं नहीं फसाद हो। कर्मशील हम बने कहीं नहीं प्रमाद हो....... मित्रता सखत बंधुभाव का निनाद हो " ।। के सामूहिक गायन से सम्मेलन प्रांगण नव ऊर्जा से भर गया।
पुरातन छात्र सम्मेलन की भूमिका पर विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक अशोक दीक्षित द्वारा प्रकाश डाला गया। विद्यालय गतिविधियों की जानकारी कालका श्रीवास्तव ने सम्मेलन में रखी। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। मंच संचालन अशोक सोनी एवं रवि दत्त तिवारी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम में सुरेंद्रपाल ग्रामोदय विद्यालय के प्राचार्य मदन तिवारी द्वारा पुरातन छात्र परिषद की *वेबसाइट http//www.pcpspgvchitrakoot.com/* का लोकार्पण किया व आए हुए पुरातन छात्रों का स्मृति -2019 को सफल बनाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से अशोक कुमार सोनी ,उत्तम त्रिपाठी,रवि दत्त तिवारी, अंकित त्रिपाठी, अक्षय जोशी, विजय यादव, शुभम राय त्रिपाठी, पार्थ द्विवेदी, जितेंद्र सोनी, लवकेश त्रिपाठी, हर्ष वर्मा ,विवेक गुप्ता ,नागेंद्र प्रताप तिवारी, राजेश पटेल, ऐश्वर्य सिंह बघेल आदि पुरातन छात्रों ने सहयोग किया।
शुभमराय त्रिपाठी
मीडिया प्रभारी
पुरातन छात्र परिषद, सुरेंद्र पाल ग्रामोदय विद्यालय चित्रकूट ।
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