पर्यटन को बढ़ावा देने में नाकाम साबित हो रही न०प०चि० द्वारा संचालित मंदाकिनी आरती


चित्रकूट नगर

पर्यटन को बढ़ावा देने में नाकाम साबित हो रही न०प०चि० द्वारा संचालित मंदाकिनी आरती

क्या स्वांत: सुखाय के लिए संचालित हो रही है आरती ?

चित्रकूट, 16 मई 2022।‌ नगर पंचायत चित्रकूट(मध्य प्रदेश) द्वारा संचालित संध्याकालीन मंदाकिनी आरती का शुभारंभ हुए एक वर्ष होने को है।‌ पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली प्रभु श्रीराम की कर्मभूमि चित्रकूटधाम में न०प०चि० द्वारा संचालित गंगा आरती पर्यटकों को लुभाने में असफल साबित हो रही है। कभी 5 आरती अर्चक तो कभी 3 अप्रशिक्षित अर्चको की मौजूदगी में नित्य ही आरती का संचालन किया जा रहा है। कभी फंड की कमी, कभी आरती अर्चकों को पेमेंट न होने के चलते महीनों तक आरती का संचालन स्थगित होना , वीआईपी मूवमेंट होते ही आरती पुनः चालू होना। जैसे कई विवादों में संचालन बना रहा। कुछ विशेष पर्व को यदि छोड़ दिया जाए तो आरती स्थल पर श्रद्धालुओं से अधिक आरती संचालन में लगे कर्मचारियों की संख्या ही अधिक दिखाई देती है। न मात्र श्रद्धालुओं की उपस्थिति यह स्पष्ट संकेत देती है कि जिम्मेदार अधिकारी एवं प्रशासन सिर्फ स्वयं सुख के लिए आरती का संचालन कर रहे हैं। दैनिक नित्य आरती संचालन में दैनिक खर्च का क्या फायदा जब श्रद्धालु ही उपस्थित ना हो। ‌ नगर पंचायत प्रशासन एवं जिला प्रशासन को चाहिए कि आरती का संचालन पर्यटन के दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर भरत घाट में आरती का संचालन शुरू करवाना चाहिए जहां बाहरी पर्यटकों की उपस्थिति रहती है। सभी पर्यटकों के नगर पंचायत कार्यालय जाना संभव नहीं है, जबकि एक बड़ी संख्या में श्रद्धालु भरत घाट से ही रामघाट के लिए प्रवेश करते हैं और नौका विहार करते हैं। यदि नगर पंचायत प्रशासन एवं जिला प्रशासन आरती का स्थान परिवर्तित करके भरत घाट स्थल पर आयोजित करता है तो यह चित्रकूट में पर्यटकों को आकर्षित करने का एक सशक्त माध्यम होगा जिससे प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर चित्रकूटधाम नगर की आरती अपनी विशेष पहचान बना सकती है।

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