जेएसएस द्वारा श्रमिक दिवस के अवसर पर श्रम क़ानूनों एवं अधिकारों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित







जेएसएस द्वारा श्रमिक दिवस के अवसर पर श्रम क़ानूनों एवं अधिकारों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

देश की खुशहाली के लिए कामगार हमारे समाज का प्रमुख अंग - रतन लाल मारवाड़ी

चित्रकूट, 01 मई 2022। दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा संचालित एवं कौशल विकास तथा उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित जन शिक्षण संस्थान चित्रकूट व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शिवरामपुर चित्रकूट के संयुक्त तत्वावधान में आजादी का अमृत महोत्सव अंतर्गत 01 मई रविवार को श्रमिक दिवस के अवसर पर श्रम क़ानूनों एवं अधिकारों पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जन शिक्षण संस्थान के प्रबंध मंडल के सदस्य एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य चित्रकूट श्री रतन लाल मारवाड़ी, निदेशक जन शिक्षण संस्थान श्री रमाशंकर त्रिपाठी एवं छात्रावास अधीक्षक श्रीमती कल्पना मिश्रा द्वारा मां वीणापाणी पर दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण द्वारा किया गया। 

कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए जेएसएस के सहायक परियोजना समन्वयक श्री अनिल कुमार सिंह ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य श्रमिक वर्ग के प्रति आभार व्यक्त करना एवं उन्हें सम्मान देना है क्योंकि दुनिया भर के श्रमिक जीवित रहने के लिए कड़ी मेहनत और विभिन्न परिस्थितियों के साथ संघर्ष करते हैं। यह दिन मजदूरों और श्रमिकों को समर्पित है। एक विशेष दिन उनकी मेहनत और दृढ़ संकल्प को मनाने के लिए समर्पित किया गया है। भारत में पहली बार 1 मई 1923 को श्रमिक दिवस मनाया गया था इसका उद्देश्य उन्हें समाज के प्रमुख अंग के रूप में प्रतिस्थापित कर मान सम्मान दिलाना था।



इस अवसर पर श्री रमाशंकर त्रिपाठी निदेशक जन शिक्षण संस्थान ने कहा कि कस्तूरबा गांधी विद्यालय में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे श्रमिक वर्ग परिवारों से ही आते है, इस कार्यक्रम को यहाँ करने का उद्देश्य यह है कि आप सभी शिक्षित होने के साथ साथ अपने परिवार एवं समाज के सभी सदस्यों को उनके अधिकारों एवं शासन से मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी देकर लाभान्वित करने में सहयोग प्रदान कर सकें। उन्होंने आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम पर जानकारी देते हुए कहा कि देश के कुशल मार्गदर्शक प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि यह हमारी आजादी की ऊर्जा का अमृत है, स्वतंत्रता सेनानियों की स्वाधीनता का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव अर्थात नए विचारों, नए संकल्पों और आत्मनिर्भरता का अमृत है। हम सभी को सामूहिक प्रयास से देश को विकास के पथ पर ले जाना है। 

अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री रतन लाल मारवाड़ी ने कहा की श्रमिक समाज के विशिष्ट समूह होते हैं क्योंकि वह देश की उन्नति समृद्धि एवं खुशहाली के लिए अपना अमूल्य योगदान देकर देश के विकास की गाथा को निरंतर आगे बढाते हैं। श्रमिकों को समान अधिकार , समान वेतन, समान सुरक्षा आदि को सुनिश्चित करने के लिए श्रम कानून बनाए गए हैं। कानूनों का मुख्य उद्देश्य श्रमिकों के मानसिक, शारीरिक व आर्थिक शोषण को रोकना है। कामगार हमारे समाज का प्रमुख अंग है जिनके अथक परिश्रम की वजह से हम विभिन्न विकासशील परियोजनाओं को सही समय पर पूर्ण करके देश की प्रगति को आगे बढ़ा पाते हैं। सभी श्रमिकों को अपना पंजीयन श्रम विभाग में अवश्य करवाना चाहिए, जिससे उन्हें शासन से मिलने वाली सुविधाये मिल सकें। श्रम विभाग द्वारा शासन द्वारा श्रमिकों के लिए संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन की आवश्यकता है जिससे सभी कामगारों को लाभान्वित किया जा सके। श्रमिकों के शोषण को रोकने के लिए जनपद स्तर पर भी प्रशासन को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है, जिससे श्रमिकों का शोषण ना हो और शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ सीधे कामगारों को दिया जा सके।  

इस मौके पर विद्यालय की बच्चियों द्वारा सरस्वती वंदना, स्वागत गीत के साथ साथ श्रम एवं बाल अधिकारों पर नाटक का प्रस्तुतिकरण किया गया। धन्यवाद ज्ञापन छात्रावास अधीक्षिका कल्पना मिश्रा ने किया तो वहीं कार्यक्रम का सफल संचालन बनारसीलाल पांडेय द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय के समस्त शिक्षक एवं बच्चों ने प्रतिभाग किया।

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