उद्यमिता विद्यापीठ में चित्रकूट गौरव दिवस की समीक्षा बैठक हुई संपन्न






उद्यमिता विद्यापीठ में चित्रकूट गौरव दिवस की समीक्षा बैठक हुई संपन्न

चित्रकूट गौरव दिवस का आयोजन जनता की पहल एवं पुरुषार्थ का नमूना बनकर पूरे प्रदेश और देश के साथ विश्व को गौरवान्वित करने वाला बने

चित्रकूट, 11 अप्रैल 2022। धर्मनगरी चित्रकूट में लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनी पतित पावनी जीवनदायिनी मां मंदाकिनी नदी को पुनर्जीवन प्रदान करने के लिए पिछले कई सालों से स्थानीय समाजसेवियों, संत समाज, सामाजिक संगठनों एवं पत्रकारों की पहल पर छेड़े गए अभियान का असर इस बार रामनवमी पर चित्रकूट गौरव दिवस के रूप में देखने को मिला।

विश्व प्रसिद्ध तीर्थक्षेत्र चित्रकूट में इस बार रामनवमी महोत्सव का भव्य आयोजन श्रद्धालुओं को गदगद कर गया। हालांकि रामनवमी महोत्सव पिछले कई वर्षों से धर्मनगरी में मनाया जा रहा है। लेकिन इस बार शासन के प्रयासों और संत समाज एवं क्षेत्र के समाजसेवियों के साथ मिलकर श्रद्धालुओं ने इसको ऐतिहासिक रूप दे दिया। धर्म नगरी में जन सहभागिता से इस तरह का यह पहला आयोजन था, जिसमेें समाज की पहल पर सरकार की भी सहभागिता रही और स्वयं मुख्यमंत्री अपनी सहधर्मिणी के साथ उपस्थित होकर आयोजन के साक्षी बने। पूरी धर्मनगरी में दीपक ऐसे सजाए गए थे कि मानो भगवान का वनवास पूरा होकर राज्याभिषेक की तैयारी चल रही हों।

अपने चित्रकूट प्रवास पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने यूपी और एमपी को जोड़ने वाली पवित्र मंदाकिनी नदी को विलुप्त होने से बचाने के लिए बड़ी पहल की है। उन्होंने कहा कि नर्मदा व मंदाकिनी बहनें हैं। इन्हें मिलाने के लिए एक दूसरे से जोड़ेंगे। इससे मंदाकिनी के स्वरूप को दिव्यता मिलेगी। करोड़ों रुपये की लागत से मझगवां के पास बांध बनाना प्रस्तावित है, जिसका प्रस्ताव जल्द बनवाया जाएगा।

दीनदयाल शोध संस्थान के उद्यमिता विद्यापीठ में सोमवार को चित्रकूट गौरव दिवस कार्यक्रम की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

बैठक में दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव श्री अभय महाजन ने कहा कि चित्रकूट गौरव दिवस का यह कार्यक्रम सभी के सम्मिलित प्रयास से संपन्न हुआ है। इसको और बेहतर बनाने के लिए अगले वर्ष पूर्व योजना के लिए सभी गणमान्य नागरिकों से सतत संपर्क एवं संवाद स्थापित कर और बेहतर बनाने का प्रयत्न करना चाहिए। चित्रकूट के सभी लोगों ने जो 11 संकल्प लिए हैं उनके लिए एक समिति का गठन करके उनकी प्रति माह बैठक हो और उसकी प्रगति की समीक्षा करते हुए उनको पूर्ण करने का प्रयास हो।

सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के डाॅ वीके जैन ने कहा कि अगले वर्ष कार्यक्रम से पूर्व छोटी-छोटी बैठकें आयोजित कर लोगों को जागरूक किया जाए एवं जागरूकता के लिए जागरूकता रैली प्रत्येक क्लस्टर में आयोजित की जाए। कामदगिरि, मंदाकिनी और तीर्थयात्री के साथ सम्मान संकल्प और दीपोत्सव का यह पर्व प्रत्येक वर्ष सभी के सहयोग से उत्साह पूर्वक संपन्न करने के लिए सभी एक मंच पर एकत्रित होकर इसे पूर्ण करें।

चित्रकूट गौरव दिवस कार्यक्रम के उपरांत आयोजित समीक्षा बैठक में सभी ने अपने अभिमत रखें। जिसमें लोगों ने बताया कि प्रत्येक घर की सहभागिता सुनिश्चित हो इसके लिए सभी का सामूहिक प्रयत्न हो। इस कार्यक्रम में लोगों में उत्साह और उमंग का समावेश देखने को मिला। यह कार्यक्रम सरकारी ना होकर जनता की पहल एवं पुरुषार्थ का नमूना बन कर पूरे प्रदेश और देश के साथ विश्व को गौरवान्वित करने वाला बने। इसके अलावा जो बातें निकल कर आई उसमें रामलीला का मंचन कम से कम दो जगह पर हो, शोभा यात्रा के साथ नगर के प्रवेश द्वार उनको सजाना, तोरण द्वार, झंडियां पताका आदि से सुसज्जित किया जाए। इस आयोजन की गलतियों से सीख कर आगे और बेहतर करें इसके लिए प्रयास हो।

एसडीएम मझगवॉ ने सभी की भागीदारी एवं सहयोग के साथ संपन्न हुए इस कार्यक्रम को अविस्मरणीय और विहंगम बताया। उन्होंने बताया कि लगभग 7 लाख दीपक सभी के सहयोग से प्रज्वलित किए गए। चित्रकूट का जनमानस इसके लिए बधाई एवं धन्यवाद का पात्र है।

समीक्षा बैठक में दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव श्री अभय महाजन, कोषाध्यक्ष श्री वसंत पंडित, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भरत मिश्रा, सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के डाॅ बीकेेेे जैैन, गायत्री शक्तिपीठ के डाॅ रामनारायण त्रिपाठी, एसडीएम मझगवॉ श्री पी एस त्रिपाठी, तहसीलदार श्री ऋषि नारायण सिंह, अध्यक्ष मंडल मझगवॉ भाजपा श्री प्रबल प्रताप राव, डॉ आई पी त्रिपाठी श्रीमती विनीता शिवहरे, श्री शंकर दयाल त्रिपाठी, श्री यूसी तिवारी, श्री अशोक सोनी, श्री गुंजन मिश्रा, श्री जय प्रकाश शुक्ला, डॉ विनोद शंकर सिंह, डॉ सीपी गुर्जर, चौरे जी, डीआरआई के डॉ अनिल जायसवाल, डॉ अशोक पांडेय, श्री राजेन्द्र सिंह सहित सभी प्रकल्पों के प्रभारी व चित्रकूट नगर के गणमान्य लोग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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