समानता का अवसर देना ही नारी सशक्तिकरण : कुलपति प्रो योगेश दुबे
समानता का अवसर देना ही नारी सशक्तिकरण : कुलपति प्रो योगेश दुबे
मुख्य अतिथि कुलपति डॉ. योगेश दुबे और जगतगुरु रामभद्राचार्य मौजूद रहे। मुख्य अतिथि ने बताया कि स्त्री को सृजन की शक्ति माना जाता है। अर्थात स्त्री से ही मानव जाति का अस्तित्व माना गया है। इस सृजन की शक्ति को विकसित-परिष्कृति कर उसे सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक न्याय, विचार, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, अवसर की समानता का सुअवसर प्रदान करना ही नारी सशक्तिकरण का आशय है।
महिलाओं को सक्षम बनाना आवश्यक
डॉ. योगेश ने कहा कि महिलाओं में उस शक्ति का प्रवाह होता है। जिससे वो अपने जीवन से जुड़े हर फैसले स्वयं ले सकती हैं। परिवार और समाज में अच्छे से रह सकती हैं। समाज में उनके वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना बहुत आवश्यक है। प्राचार्य डॉ राजेश कुमार पाल ने सात दिवसीय विशेष शिविर में स्वयंसेवकों द्वारा किए गए कार्यों को सराहा है।
कार्यक्रम अधिकारियों के कुशल निर्देशन को भी सराहना की। राष्ट्रीय स्वयंसेवकों अजय, ज्योति, कीर्ति, पूजा, मंजू, आराधना ने इस अवसर पर लक्ष्य गीत भाषण कविता नाटक एवं नृत्य आदि कार्यक्रम प्रस्तुत किए।इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी डॉ. वंश गोपाल, डॉ. हेमन्त बघेल तथा डॉ. गौरव पाण्डेय उपस्थित थे।धन्यवाद ज्ञापन डॉ सीमा कुमारी ने किया।
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