उद्यमिता विद्यापीठ चित्रकूट में मनाया गया समग्र क्रांति प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी का 119 वीं जयंती कार्यक्रम



उद्यमिता विद्यापीठ चित्रकूट में मनाया गया समग्र क्रांति प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी का119 वीं जयंती कार्यक्रम

आजाद भारत के सबसे बड़े जनांदोलन के प्रतीक पुरुष रहे जेपी - डॉ तोमर

चित्रकूट 11 अक्टूबर 2021/दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा संचालित जयप्रभा ग्रामीण तकनीकी अनुसंधान प्रतिष्ठान, उद्यमिता विद्यापीठ चित्रकूट में समग क्रांति प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की 119 वीं जयंती को उत्साहपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ भरत मिश्रा, एकेएस यूनिवर्सिटी सतना के डीन डॉ साहिब सिंह तोमर एवं एक्सटेंशन डायरेक्टर डॉ श्री विपिन व्यवहार नेेेे सर्वप्रथम लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन व पुष्पार्चन के साथ किया गया। इसके बाद खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अंतर्गत चल रहे प्रशिक्षण ब्यूटीशियन तथा फल एवं सब्जी प्रसंस्करण प्रशिक्षण के प्रशिक्षणार्थियों को गुरुकुल संकुल के प्रभारी श्री संतोष मिश्र एवं अन्य अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए।



इस अवसर पर ग्रामोदय विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ भरत मिश्रा ने कहा कि आज का दिन हमारे देश का ऐतिहासिक दिन है। आज के दिन देश की महान दो विभूतियों का जन्म हुआ है। जिनमें एक लोकनायक जयप्रकाश नारायण जिन्होंने समग्र क्रान्ति का आहवान किया था। देश के प्रजातंत्र को बचाने के लिए उन्होंने जिस तरह युवा तरुणाई को शंखनाद किया था। वह इतिहास के पन्नों में अविस्मरणीय है। नानाजी के अनुसार भी जे.पी. भारत की गौरवमयी सांस्कृतिक धरोहर के सशक्त प्रहरी थे। आज ऐसे दोनों महापुरुषों का जयंती पर्व है। 

ए के एस विश्वविद्यालय सतना के डॉक्टर साहिब सिंह तोमर ने कहा कि एक नाम जो किसी के आगे नहीं झुका, वह है लोकनायक जयप्रकाश। आजादी के पहले और बाद जेपी आजीवन भारत को बेहतर राष्ट्र बनाने के लिए लड़ते रहे। अन्याय के खिलाफ आजाद भारत के सबसे बड़े जनांदोलन के प्रतीक पुरुष रहे जेपी ने सत्ता की कुर्सी से दूर रहकर भी जो अलख जगाई, वह आज भी इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।

एक्सटेंशन डायरेक्टर डॉ श्री विपिन व्यवहार नेेेे कहा कि आज 11 अक्टूबर को लोकनायक जयप्रकाश जी की जयंती के साथ राष्ट्रॠषि नानाजी देशमुख का भी जन्मदिन है। दोनों महापुरुषों का जीवन और योगदान समाज जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाता है।

इस दौरान उद्यमिता विद्यापीठ के संयोजक मनोज सैनी ने संचालन करते हुये कहा कि नानाजी का जन्म भी शरद पूर्णिमा के दिन 11 अक्टूबर को हुआ था। नानाजी जेपी के बड़े निकट साथी थे। पटना में लोकनायक जेपी पर प्राणघातक हमला किया गया था। नानाजी ने वो हमला अपने ऊपर ले लिया। इस हमले में नानाजी को काफी चोटें आईं लेकिन वह जेपी को बचाने में कामयाब रहे।

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