जरुरत मंद आदिवासी भाइयों को उनका अधिकार मिले - अभय महाजन
जनजाति परिवारों के वनाधिकार के लिए ग्राम सभा कैलाशपुर में 15 दावों को दी गई मंजूरी
जरुरत मंद आदिवासी भाइयों को उनका अधिकार मिले - अभय महाजन
मझगवां। ग्राम पंचायत कैलाशपुर में ग्राम सभा का आयोजन किया गया। जिसमें वनाधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत 15 मवासी जनजाति परिवारों की वनभूमि के ब्यक्तिगत दावे को सही पाया गया। उसके बाद वनाधिकार समिति के अनुमोदन के पश्चात संबंधित दस्तावेज एसडीएम श्री पी एस त्रिपाठी को सौंपे गए।
कैलाशपुर में आयोजित ग्राम सभा में दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव श्री अभय महाजन ने कहा कि वनवासियों के लिए अगर संस्थान कुछ भी सहयोग कर सकता है तो उसके लिए संस्थान का प्रत्येक कार्यकर्ता सदैव तत्पर है। मध्य प्रदेश शासन की मंशानुसार प्रत्येक पात्र व्यक्ति को सामुदायिक एवं एकल दावों के वनाधिकार देना है। वनवासियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए हम सब कटिबद्ध है। श्रद्धेय नानाजी के बोध वाक्य को चरितार्थ करना ही हम सबका धर्म है। जिससे जरुरत मंद आदिवासी भाइयों को उनका अधिकार मिल सके।
इस दौरान दीनदयाल शोध संस्थान के कोषाध्यक्ष श्री बसंत पण्डित ने कहा कि दीनदयाल शोध संस्थान वनाधिकार एवं सामुदायिक वनाधिकार के क्षेत्र में सहयोग करके सतना जिले को पहला जिला बनवाना चाहता है, जहॉ जनजातीय लोगो को उनका अधिकार मिला।
वनाधिकार के लिए आयोजित ग्राम सभा में अनुविभागाय अधिकारी (राजस्व), मझगवॉ श्री पी.एस. त्रिपाठी ने कहा कि पंचायती राज एवं वन विभाग के ग्राम स्तरीय समितियों की बैठक कर सामुदायिक कार्ययोजना बनाकर पात्र लोगो को उनका अधिकार दिलाने के लिए संयुक्त कार्ययोजना बनाकर कार्य करना पडेगा। उन्होंने वनाधिकार अधिनियम के बारे में जानकारी दी तथा उसकी उपयोगिता भी बताई। कानून को लागू करने में व्याप्त विसंगतियां को दूर करने, ग्राम सभा की केंद्रीय भूमिका को और स्पष्ट करने तथा सामुदायिक वन संसाधनों पर गांव समाज को प्रबंधन का अधिकार निहित करने के लिए अधिकार और कर्तव्य के बारे में जानकारी दी गई।
इस अवसर पर उपस्थित कर्मचारियों द्वारा ग्राम वासियों की व्यावहारिक कठिनाइयों का जिज्ञासा समाधान भी किया गया। कृषि विज्ञान केन्द्र मझगवॉ प्रमुख डॉ0 राजेन्द्र सिंह नेगी के द्वारा कार्यक्रम की संक्षिप्त रुपरेखा रखी गयी ।
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