हर खेत की मेंड़ पर पेड़” संकल्प के साथ मनाया गया भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् का 93वां स्थापना दिवस


हर खेत की मेंड़ पर पेड़” संकल्प के साथ मनाया गया भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् का 93वां स्थापना दिवस

पौध रोपण में ध्यान योग्य बातों पर केवीके ने किसानों को दी समझाईश

चित्रकूट, मझगवां 16 जुलाई 2021।  अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कृषि वैज्ञानिक, नीति नियोजक तथा चिंतक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा , सचिव, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डेयर) और महानिदेशक, आईसीएआर ने शुक्रवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 93वें स्थापना दिवस के अवसर पर देश के सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिकों से अपने-अपने कृषि विज्ञान केन्द्र प्रक्षेत्र एवं जिले के कृषकों को हर खेत की मेंड़ पर पेड़ लगाने का आह्वान किया। 

इस अवसर पर अपने विचारों को प्रकट करते हुए उन्होंने आधुनिक समय में कृषि से संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए नई दृष्टि, नये आयाम और नये उद्देश्यों के साथ जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों को तकनीकी अनुसंधान के माध्यम आत्म निर्भर एवं आय केन्द्रित कृषि पर अपने प्रयासों को तेज करने को कहा। हमें ऐसे सभी प्रयास करने चाहिए जिस से किसानों की आमदनी बढ़ सके। 
दीनदयाल शोध संस्थान, कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां द्वारा इस अवसर पर केंद्र प्रक्षेत्र पर खेतों के मेंड़ो पर आम, अमरुद, कटहल, नींबू, शरीफा, अनार, जामुन, पपीता, करोंदा के 250 फलदार पौधों का रोपण किया गया । इसके साथ ही इस मौके पर केंद्र द्वारा हर खेत की मेंड़ पर पेड़ रोपण विषय पर कृषक कार्यशाला का भी केन्द्र पर आयोजन किया गया। जिसमें केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. आर.एस. नेगी द्वारा किसानों को खेत की मेंड़ों पर किस प्रकार के पौधों का रोपण करना चाहिए, रोपण कितनी दूरी पर करना चाहिए, रोपण करने के लिए गड्ढ़े कैसे तैयार करें, पौध रोपण करते समय किन-किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए, पर किसानों को समझाईश दी गयी। 

पेड़ प्रकृति का आधार हैं। पेड़ों के बिना प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। भारतीय संस्कृति में भी वृक्षारोपण को अति पुण्यदायी माना गया है। शास्त्रों में लिखा गया है कि एक पेड़ लगाने से उतना ही पुण्य मिलता है, जितना कि दस गुणवान पुत्रों से यश की प्राप्ति होती है। इसलिए, जिस प्रकार हम अपने बच्चों को पैदा करने के बाद उनकी परवरिश बड़ी तन्मयता से करते हैं, उसी तन्मयता से हमें जीवन में एक पेड़ तो जरूर लगाना चाहिए और पेड़ लगाने के बाद उसकी सेवा व सुरक्षा करनी चाहिए।  

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के स्थापना दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिक डॉ. शंकर वर्मा, डॉ. आर.सी. नैवाल, डॉ. अतुल बत्रा, डॉ. स्वेता सिंह, डॉ. देवेन्द्र सिंह, डॉ. विक्रम सिंह, श्री रामकरण, दुर्गेश एवं स्नेहा ने भी पौध रोपण कार्यक्रम में भाग लेकर केंद्र पर फलदार वृक्षों का रोपण किया। 

वहीं एक अन्य कार्यक्रम में ग्राम कैलाशपुर के किसानों के खेत की मेंड़ पर फलदार पौधे रोपे गए साथ ही विद्यालय प्रांगण में दीनदयाल शोध संस्थान के कोषाध्यक्ष श्री वसंत पंडित, महाप्रवंधक श्री अमिताभ वशिष्ठ, वन परिक्षेत्राधिकारी श्री पंकज दुबे द्वारा एक-एक जामुन के पौधे का रोपण किया गया ।

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