डीआरआई के प्रस्ताव पर सेवा इंटरनेशनल यूके ने जिला चिकित्सालय चित्रकूट को सौंपे 7 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

डीआरआई के प्रस्ताव पर सेवा इंटरनेशनल यूके ने जिला चिकित्सालय चित्रकूट को सौंपे 7 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

औषधालय एवं रुग्णालय देवालय की तरह होते हैं, यहाँ कार्यरत सभी लोग इस कार्य को बोझ न समझें - जिलाधिकारी

कोविड़ जैसी असाधारण परिस्थितियाँ में समाज के असँख्य लोगों ने अपनी सामर्थ्य से बढ़कर सेवा कार्य किये - अभय महाजन

चित्रकूट 9 जून 2021। कोरोना जैसी महामारी के संकट से निपटने में सामाजिक संगठनों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो सकती है। संकट के इन पलों में उम्मीद की किरण के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता, व्यापारी वर्ग और सामाजिक संस्थाऐं कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

ऐसी आपदा की घड़ी में भारत रत्न नानाजी देशमुख का सामाजिक प्रकल्प दीनदयाल शोध संस्थान भी अपनी शक्ति अनुसार आगे आकर पूरी तन्मयता से इस चुनौती से मुकाबला करने में जुटा है।

कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक के पूर्व आज दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा ज़िला चिकित्सालय को जिलाधिकारी शुभ्रांत शुक्ला की उपस्थिति में 7 ऑक्सिजन कंसंट्रेटर सेवा इंटरनेशनल यूके के सहयोग से चिकित्सालय को दान किये गए। दीनदयाल शोध संस्थान के सार्थक पहल एवं प्रयासों से सेवा इंटरनेशनल ने जनपद के मरीजों के स्वास्थ को दृष्टिगत रखते हुए 5 - 5 लीटर के 7 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर चित्रकूट की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए जिला चिकित्सालय को प्रदान कर दिया है। जिससे कोविड़ महामारी के तीसरे चरण की आशंका में जनपद के मरीजों को एवं अन्य परिस्थितियों में ऑक्सीजन की कमी न होने पाए। 

दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव श्री अभय महाजन ने कहा कि समाज जीवन के सभी पहलुओं पर जनता की पहल और पुरुषार्थ के साथ समाज के सहयोग से चलने वाला दीनदयाल शोध संस्थान इस आपातकाल की स्थिति में समाज के ही सहयोग से जो भी बन पड़ा करने का प्रयास किया। कोविड़ वैश्विक महामारी ने असाधारण परिस्थितियाँ पैदा की है। समाज मे असँख्य लोगों ने अपनी सामर्थ्य से बढ़कर सेवा कार्य किये हैं। असाधारण परिस्थितियों में बहुत सारे पाठ सीखने को मिलते हैं। वैश्विक महामारी के कारण समाज के अंदर बहुत सारे परिवर्तन आये हैं। डीआरआई भारत रत्न नानाजी देशमुख के बोध वाक्य ‘‘मैं अपने लिए नहीं, अपनों के लिए हूं! अपने वे हैं जो पीड़ित और उपेक्षित हैं! को यथार्थ रूप में जीने का प्रयास कर रहा है।

श्री महाजन के निर्देशानुसार दीनदयाल शोध संस्थान इस महामारी जनित परिस्थितियों में अपने स्तर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए राहत एवं जागरूकता प्रसार का कार्य कर रहा है, साथ ही किसी भी आपातकाल में शासन के सहयोग हेतु संस्थान हर संभव सहयोग के लिए तैयार है। इसके अलावा गांव-गांव जागरूकता के माध्यम से अलख जगाकर लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

कोरोना से संक्रमण के चलते ग्राम वासियों से इस अवधि में नशा मुक्ति, तंबाकू, गुटखा, पान, शराब का उपयोग न करने का भी आग्रह किया जा रहा है, ताकि गुटखा पान की पीक-थूक से संक्रमण का खतरा ना रहे। इसके अलावा दीवाल लेखन करके बताया जा रहा है कि आपकी सतर्कता से ही आप और आपका पूरा परिवार सुरक्षित होगा इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन करें और भीड़भाड़ वाले इलाकों से दूर रहें।

डीआरआई ने समाज शिल्पी दंपतियों के माध्यम से छोटे-छोटे समूहों में बैठक करके सभी ग्राम वासियों से अपील भी की है कि 18 वर्ष से ऊपर के सभी महिला एवं पुरुष कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए अपना पंजीयन अति शीघ्र कराएं, और जिन्होंने टीकाकरण का पहला डोज ले लिया है वह भी अपनी निर्धारित तिथि तक टीका का दूसरा डोज अवश्य लगवाएं।

इस अवसर पर जिलाधिकारी शुभ्रांत शुक्ला ने कहा कि दीनदयाल शोध संस्थान के प्रयासों से सेवा इंटरनेशनल के बन्धु / भगनियों द्वारा अपने देश से दूर रहकर भी अपने देश मे रहने वाले सभी जनों के स्वास्थ को ध्यान में रखकर जो सहयोग किया है, वह अत्यंत सराहनीय है। हम सभी को भी इसी प्रकार सीख लेकर समाज के प्रति सकारात्मक प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेवाकार्य में भवन की आवश्यकता होती है। औषधालय, रुग्णालय, देवालय की तरह होते हैं, यहाँ कार्यरत सभी लोग इस कार्य को बोझ न समझें। कभी नकारात्मक नहीं सदैव सकारात्मक रहें। हमारा सबसे बड़ा कार्य सेवा कार्य, परोपकार है। सभी लोग अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी लगन ईमानदारी और निष्ठा के साथ करें। 

गौरतलब है कि भारत में, सेवा इंटरनेशनल की स्थापना 1997 में एक पंजीकृत गैर-लाभकारी ट्रस्ट के रूप में की गई थी, जो 'स्वयं से पहले सेवा' और "विश्व एक परिवार है" के भारतीय लोकाचार पर आधारित है। सेवा इंटरनेशनल अपनी स्थापना के बाद से देश के संकट में मानवता की निरंतर सेवा कर रहा है। विशेष रूप से प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, भूकंप, चक्रवात, सुनामी, महामारी आदि के समय में, जो बड़े पैमाने पर संकट का कारण बनते हैं, जहां बड़े संसाधनों की आवश्यकता होती है।

कार्यक्रम का संचालन मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ आर के गुप्ता ने किया। उन्होंने जिलाधिकारी एवं दीनदयाल शोध संस्थान को आश्वस्थ किया कि सेवा इंटरनेशनल द्वारा प्राप्त ऑक्सीजन कन्संट्रेटर का सदुपयोग किया जाएगा। उन्होंने सभी का इस सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में दीनदयाल शोध संस्थान के कोषाध्यक्ष श्री बसन्त पंडित, मुख्य विकास अधिकारी अमित असेरी, डीआरआई के उप महाप्रबंधक डॉ अनिल जायसवाल, जन शिक्षण संस्थान के निदेशक रमाशंकर त्रिपाठी, कृषि विज्ञान केंद्र गनीवां के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ चन्द्रमणि त्रिपाठी, समाजशिल्पी दम्पति प्रभारी डॉ अशोक पाण्डेय, राजेन्द्र सिंह, अनिल सिंह सहित जिला चिकित्सालय के कर्मचारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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