ग्रामोदय विश्वविद्यालय में वित्तीय नियोजन पर नेशनल वेबीनार आयोजित


ग्रामोदय विश्वविद्यालय में वित्तीय नियोजन पर  नेशनल वेबीनार आयोजित


चित्रकूट, 19 अप्रैल 2021। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के ग्रामीण विकास एवं प्रबंधन संकाय और  एन एस डी एल के संयुक्त तत्वावधान में आज ' वित्तीय नियोजन' विषय ' पर कुलपति प्रो नरेश चंद्र गौतम की अध्यक्षता में नेशनल   वेबीनार आयोजित किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन सी गौतम ने  एनएसडीएल संस्था की वित्तीय नियोजन विशेषज्ञ के तौर पर शामिल पदाधिकारी जनों का  परम्परागत  स्वागत  करते हुए कोरोना काल मे उत्पन्न वित्तीय समस्याओ का वर्णन करते हुए ग्रामोदय विश्वविद्यालय स्टाफ़ के बेहतर वित्तीय नियोजन  के विकल्पों पर चिंतन पर जोर दिया।कुलपति प्रो गौतम ने  आशा व्यक्त किया कि एनएसडीएल के माध्यम से वित्तीय नियोजन मार्ग प्रशस्त हो सकेगा। अनूप अग्रवाल सहायक उपाध्यक्ष ने एनएसडीएल और एनपीएस के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। चेतन करकरे ने एन.पी.एस के नियामक पी.एफ.आर.डी.ए ,एन.पी.एस ट्रस्ट ,एन.एस.डी.एल के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए  बताया कि 31 राज्यों में एनपीएस लागू है। उन्होंने बताया कि संस्थागत रूप में नियोजकों की एन पी एस योजना में शामिल करने के लिए राज्य सरकार की अनुमति या नोटिफिकेशन प्रस्तुत करना रहता है।  एन.एस.डी.एल.सी.आर.ए हेतु प्रतिबद्ध अधिकारी की नियुक्ति की जाती है। 
कार्यक्रम में एनएसडीएल के प्रतिनिधि  अभिषेक धुरी  एवं  सुनील सैमुअल ने एन.पी.एस के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला । वेबीनार के ऑर्गेनाइजर प्रो अमरजीत सिंह ने वेबीनार को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि हमें खुशी है कि अब इसका लाभ  विश्वविद्यालय को भी मिलेगा।इंजी गुरु प्रकाश शुक्ल ने भी इस दौरान अपने सुझाव प्रस्तुत किया। 
वेबीनार की अध्यक्षता कर रहे  कुलपति प्रो नरेश चंद्र गौतम ने अपने अनुभव को बांटते हुए वित्तीय नियोजन पर प्रकाश डाला तथा कहा कि एन.पी.एस विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के लिए विचारणीय है । डॉ राजेश त्रिपाठी ने एन एस डी एल के प्रमुख वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया और वेबीनार का संचालन आयोजन सचिव डॉ देवेंद्र प्रसाद पांडेय ने किया।

The Chitrakoot Post
Shubham Rai Tripathi

Comments

Popular posts from this blog

पुरातन छात्र सम्मेलन 2019

पं. दीनदयाल उपाध्याय की 104 वीं जयंती पर दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट ने किये कई कार्यक्रम

बालकालीन साधु थे संत तुलसीदास जी -- जगदगुरु रामभद्राचार्य