भूमि सुपोषण एवं संरक्षण के लिए भारत रत्न नानाजी देशमुख श्रद्धा केंद्र बंदरकोल में हुआ कार्यक्रम का आयोजन


भूमि सुपोषण एवं संरक्षण के लिए भारत रत्न नानाजी देशमुख श्रद्धा केंद्र बंदरकोल में हुआ कार्यक्रम का आयोजन

चित्रकूट, 24 मई 2021। भारतीय कृषि चिंतन में भूमि को धरती माता ऐसे संबोधित किया है। हमारे प्राचीन ग्रंथो में इसके उदाहरण सहजता से पाए जाते है। अथर्वेद के भूमि सूक्त मे कहा गया है, ‘माता भूमिः पुत्रो अहं पृथिव्याः।’ इसका भावार्थ है कि भूमि हमारी माता है एवं हम उस के पुत्र। तात्पर्य, भूमि के पोषण कि व्यवस्था करना हमारा कर्तव्य है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर आज चित्रकूट जनपद के ग्राम बंदरकोल में भारत रत्न नानाजी देशमुख श्रद्धा केंद्र पर भूमि सुपोषण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें ग्राम पंचायत बंदरकोल के कृषकों एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा अपने-अपने खेतों से कलश में मिट्टी भरकर नानाजी देशमुख श्रद्धा केंद्र पर लाया गया और वहां उनका विधिवत पूजन कार्यक्रम संपन्न हुआ। पूजन के उपरांत उस मिट्टी को अपने अपने खेतों में छिड़काव किया गया।

दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव श्री अभय महाजन ने 24 जुलाई 2021 तक चलने वाले इस राष्ट्रीय जन अभियान में होने वाली गतिविधियों पर बताते हुए कहा कि संस्थान के कार्यकर्ता प्रत्येक ग्राम स्तर तक जाकर इस कार्यक्रम में ग्रामीणों की सहभागिता सुनिश्चित कर रहे हैं। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारतीय कृषि चिंतन, भूमि सुपोषण एवं संरक्षण इन संकल्पनाओं को कृषि क्षेत्र में पुनःस्थापित करना है। जन अभियान में प्राधान्यतः भूमि सुपोषण, जन जागरण एवं भारतीय कृषि चिंतन एवं भूमि सुपोषण को बढ़ावा देने संबंधित कार्यक्रम किए जा रहे है। 

श्री महाजन ने कहा कि हमारी भूमि का सुपोषण करना यह मात्र कृषकों का उत्तरदायित्व नहीं है। इस जन अभियान की मुख्य संकल्पना है कि भूमि सुपोषण एवं संरक्षण यह हम सभी भारतीयों का सामूहिक उत्तरदायित्व है। अतः यह जन अभियान ग्रामों में और नगरों में भी कार्यान्वित होना चाहिए।

गौरतलब है कि भूमि सुपोषण अभियान का शुभारंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के पावन अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा चित्रकूट एवं मझगवां जनपद के अपने सभी स्वाबलंबन केंद्रों एवं कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से गांव-गांव विधिवत गौपूजन एवं भूमि पूजन केे साथ किया गया था। अभियान का यह प्रथम चरण आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा, 24 जुलाई 2021 तक चलेगा।

इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश गौतम, अश्वनी अवस्थी एवं पीडब्ल्यूडी के अधिकारी तथा बंदरकोल के ग्राम प्रधान सहित दीनदयाल शोध संस्थान के कार्यकर्ता प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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