ग्रामोदय विश्वविद्यालय द्वारा कोविड महामारी का अर्थव्यवस्था में हुए प्रभाव पर वर्चुअल राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित



ग्रामोदय विश्वविद्यालय द्वारा कोविड महामारी का अर्थव्यवस्था में हुए प्रभाव पर वर्चुअल राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

 दो विश्वविद्यालयो के कुलपतियों सहित आधा दर्जन विद्द्वानो ने रखा विचार

चित्रकूट,22 मई 2021। आज महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में भारत की अर्थव्यवस्था पर कोविड महामारी का प्रभाव विषय को लेकर ग्रामीण विकास एवं प्रबंधन संकाय के तत्वावधान में 
 राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।इस वर्चुअल आयोजन के मुख्य अतिथि अर्थशास्त्र के जाने माने विद्द्वान व अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर के कुलपति प्रो अरुण दिवाकर नाथ बाजपेयी रहें।अध्यक्षता ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नरेश चंद्र गौतम ने की।जे एन यू दिल्ली के इंटरनेशनल स्टडीज के प्राध्यापक डॉ जे के पटनायक,आई ईएचई भोपाल के प्राध्यापक डॉ मनीष शर्मा, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक प्रो एन जी पेंडसे विशिष्ट अतिथि रहें। आयोजन चेयरमैन अधिष्ठाता प्रो अमरजीत सिंह व आयोजन सचिव अर्थशास्त्र के प्राध्यापक प्रो विजय सिंह परिहार थे।एक दिवसीय इस वर्चुअल आयोजन के मुख्य अतिथि व अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर के कुलपति प्रो ए डी एन बाजपेयी ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर चर्चा करते हुए कहा कि निःसंदेह कोविड संक्रमण ने विश्व की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया गया। भारत जैसे विकास शील देशों को अधिक हानि उठानी पड़ी है।उन्होंने भारतीय संस्कृति औऱ अर्थव्यवस्था के परंपरागत जोड़ को समझाते हुए कहा कि जीडीपी में कोरोना संक्रमण के कारण गिरावट आई है। भारत के गांव की समृद्ध संरचना का सहारा लेते हुए प्रो बाजपेयी ने गांव में उपलब्ध हुनर का उपयोग कर अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की दिशा में एक अच्छा प्रयास किया जा सकता है।प्रो बाजपेयी ने भारत रत्न राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख द्वारा स्थापित ग्रामोदय विश्वविद्यालय द्वारा क्रियान्वित ग्रामोदय माडल की सराहना की। उल्लेखनीय है कि प्रो बाजपेयी ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके हैं।
अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो नरेश चंद्र गौतम ने कहा कि कोरोना काल मे पूर्व से संचालित व्यवस्थाओ को चोट पहुंची है। भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के आर्थिक मामलों के विशेषज्ञों और प्राध्यापकों को चिंतन करना उपयुक्त रास्ता खोजना चाहिए, इस दिशा में यह संगोष्ठी अच्छा प्रयास है।: 
विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे जेएनयू के प्रो जे के पटनायक ने कोविड संक्रमण के फैलाने में चीन की भूमिका की चर्चा करते हुए कहा कि भारत सहित अन्य देशों को सतर्क और सावधान रहना चाहिए।प्रो पटनायक ने अपने उद्बोधन में चीन ने किस प्रकार कोविड परिस्थितियों का लाभ लिया है। एआईएचई भोपाल के प्रो डॉ मनीष शर्मा ने कोविड एक और कोविड दो में उत्पन्न परिस्थितियों का विश्लेषण करते हुए अपने पावर पॉइंट प्रजेंटेशन में हमे दोनो परिस्थितियों की तुलना कर कोविड के तीसरे चरण की व्यापक और सशक्त तैयारी करनी चाहिए।रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के प्रो एन जी पेंडसे ने अर्थव्यवस्था पर कोविड काल में हुए प्रभाव के कारणों औऱ समाधान के संभावित रास्ते पर प्रकाश डाला। प्रबंधन संकाय के अधिष्ठाता प्रो अमरजीत सिंह ने स्वागत परिचय प्रस्तुत किया।आयोजन सचिव प्रो विजय सिंह परिहार ने विषय के महत्व और आयोजन के औचित्य व पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लाकडाउन के कारण आशंका है ग्रोथ रेट कम होगा।फार्मास्युटिकल उघोग मे उछाल दिखाई देता है, खाद्यान्न उत्पादन की मांग मे गिरावट आ सकती है। सामग्रियों के आवागमन पर रोक नहीं है, इसलिए सीमेंट, स्टील की मांग अच्छी रहेगी.रियल एस्टेट, आटोमोबाइल ,जिन्हें पिछले साल झटका लगा था, उनमे वापसी की क्षमता है। कोविड के तीसरी लहर की भी आशंका है, इसलिये वर्क फ्राँम होम आम हो जाएगा।सेवा क्षेत्र को रिकवरी मे समय लगेगा, यह क्षेत्र सोशल डिस्टेंसिंग नहीं रख सकता, इनका बिजनेस माल,थिएटर, होटल जैसे केंद्र पर होता हैं।इसमे पहली लहर मे भी बडी गिरावट दर्ज की गई थी।इस तरह उघोगों की समग्र संभावना मिश्रित होगी।

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