डोर टू डोर जानकारी एवं दीवाल लेखन से महामारी में बचाव का संदेश दे रहे डीआरआई के कार्यकर्ता


कोविड से बचाव हेतु दीनदयाल शोध संस्थान ने ग्रामवासियों को बांटी कोरोना किट, मास्क एवं आरोग्य काढ़ा के पैकेट

डोर टू डोर जानकारी एवं दीवाल लेखन से महामारी में बचाव का संदेश दे रहे डीआरआई के कार्यकर्ता

चित्रकूट, 19 मई 2021। कोविड-19 के संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए दीनदयाल शोध संस्थान, कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां ग्रामीण केंद्रों पर जागरुकता अभियान चला रहा है। संस्थान द्वारा अपने सहयोगी कार्यकर्ताओं के माध्यम से गांव-गांव कोरोना वायरस से बचाव और सुरक्षा के उपायों के बारे में डोर टू डोर जानकारी दी जा रही है एवं दीवाल लेखन किया जा रहा है तथा वैक्सीनेशन के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। 



मझगवां जनपद के वे गांव जहां दीनदयाल शोध संस्थान के माध्यम से स्वावलंबन की गतिविधियां संचालित की जाती है, ऐसे 49 स्वावलंबन केंद्रों की सभी ग्राम आबादियों में कोरोना महामारी से बचाव के लिए ग्राम वासियों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के सार्वजनिक स्थलों जैसे बैंक, राशन की दुकानों और शासकीय उपक्रमों जहां ग्रामीणों का आवागमन जारी है, ऐसे स्थानों पर बैनर लगाकर, पोस्टर चिपकाकर एवं पेमप्लेट बांटकर लोगों को समझाइश दी जा रही है कि सावधानी और सतर्कता ही कोरोना से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है।


कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां के प्रभारी डा. राजेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि 49 स्वाबलंबन केंद्रों पर समाज शिल्पी दंपतियों के सहयोग से 5000 मास्क, 2000 कोरोना किट, 1000 आरोग्य काढ़ा के पैकेट, 500 साबुन एवं सैनिटाइजर, कोविड लिटरेचर सहित विभिन्न सब्जियों के बीज के पैकेट ग्राम वासियों को उपलब्ध कराए गए। कोरोना किट में समाज शिल्पी दंपतियों की डिमांड पर जिला प्रशासन सतना के सहयोग से कोविड के प्राथमिक उपचार में सहायक सभी आवश्यक दवाइयां शामिल है।

ग्रामों में डीआरआई के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों सहित समाज शिल्पी दंपत्ति तथा स्वावलंबन केंद्रों के ग्राम संयोजक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, रोजगार प्रेरक एवं संस्थान के सहयोगी कार्यकर्ता लोगों को स्वच्छता के तरीके बता रहे हैं। उनके द्वारा कहा जा रहा है कि एक दूसरे से हाथ न मिलाएं, साबुन से बार-बार हाथ धोएं, एक दूसरे के कपड़े ना पहने और अपने तोलियां रुमाल का उपयोग सभी अलग-अलग करें। इसके अलावा कृषि यंत्र जैसे अपने हंसियां, फावड़ा आदि का उपयोग स्वयं करें तथा कृषि कार्य करते समय आवश्यक दूरी बनाए रखें एवं मुंह पर मास्क या गमछा लगाएं।

कोरोना से संक्रमण के चलते ग्राम वासियों से इस अवधि में नशा मुक्ति, तंबाकू, गुटखा, पान, शराब का उपयोग न करने का भी आग्रह किया जा रहा है, ताकि गुटखा पान की पीक-थूक से संक्रमण का खतरा ना रहे। इसके अलावा दीवाल लेखन करके बताया जा रहा है कि आपकी सतर्कता से ही आप और आपका पूरा परिवार सुरक्षित होगा इसलिए सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन करें और भीड़भाड़ वाले इलाकों से दूर रहें।

दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव श्री अभय महाजन ने ग्राम वासियों को अपने संदेश में कहा है कि हमें थोड़ा और धैर्य रखने की जरूरत है, हमें सावधानी बरतते हुए अपने आप को सुरक्षित रखना है, तभी हम अपने परिवार और देश को सुरक्षित रख पाएंगे। आज इस महामारी से एक व्यक्ति नहीं पूरा समाज मानसिक रूप से प्रभावित हो रहा है। अब पहले की तुलना में स्थिति बेहतर हुई है, बहुत जल्दी हम इस महामारी से निजात पा लेंगे। स्थानीय स्तर पर जरूरतमंदों की सेवा के लिए भी हमें आगे आने की जरूरत है। 

श्री महाजन ने सभी ग्राम वासियों से अपील भी की है कि 18 वर्ष से ऊपर के सभी महिला एवं पुरुष कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए अपना पंजीयन अति शीघ्र कराएं, और जिन्होंने टीकाकरण का पहला डोज ले लिया है वह भी अपनी निर्धारित तिथि तक टीका का दूसरा डोज अवश्य लगवाएं।

जन जागरूकता के दौरान बचाव हेतु मास्क, साबुन एवं सैनिटाइजर का वितरण के साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आरोग्यधाम द्वारा तैयार आरोग्य काढ़ा के पैकेट भी ग्रामवासियों को वितरित किए गए। आरोग्यधाम द्वारा निर्मित काढ़े में 10 प्रकार की स्थानीय हरी ताजी औषधियों (हरीतिकी, पुनर्नवा, अश्वगंधा, शतावरी, गुरूचि, अमिलिकी, दालचीनी, यस्टी मधु एवं त्रिकटु) का उपयोग किया गया है, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से एवं कोविड-19 से बचाव के लिए बहुत उपयोगी है।

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