ग्रामोदय विश्वविद्यालय में कोविड संक्रमण समाधान के नवीन प्रयास



ग्रामोदय विश्वविद्यालय में कोविड संक्रमण समाधान के नवीन प्रयास

रोग प्रतिरोधी क्षमता वाले कृषि उत्पादों का वैज्ञानिकों ने किया रहस्योद्घाटन

 चित्रकूट, 19 मई 2021।महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कृषि संकाय द्वारा आयोजित बेविनार में आज देश के जाने माने खाद्य प्रौद्योगिकी और कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि अनेक कृषि उत्पादों के सतत प्रयोग से मानव शरीर को कोविड जैसी गंभीर और वैश्विक बीमारियों से निजात दिलाने में सक्षम बनाया जा सकता है।निफ्टम के अधिष्ठाता प्रो आशुतोष उपाध्याय ने इंसानों के मजबूत सुरक्षा तंत्र के लिए कृषि उत्पादों की अनिवार्यता पर विद्वता पूर्ण उद्बोधन देते हुए बताया यदि प्राकृतिक रूप से उपलब्ध खाद्य पदार्थों का प्रयोग हम प्रतिदिन करने लगे,तो बहुत सी बीमारियों का शमन करने में शरीर अपने आप सक्षम हो जाता है। उन्होंने कहा कि फलों तथा सब्जियों में प्रचुर मात्रा में विटामिन मिनरल्स पाया जाता है,जिनका प्रयोग हमें भरपूर करना चाहिए। फलों और सब्जियों के उपयोग से हमारी इम्यूनिटी अपने आप विकसित होती।कृषि संकाय द्वारा आयोजित इस ऑनलाइन संगोष्ठी का विषय " कोविड -19 के विरुद्ध रोग प्रतिरोधी छमता बृद्धि में कृषि उत्पाद के प्रयोग " .रहा।अध्यक्षता कुलपति प्रो नरेश चंद्र गौतम ने करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान कृषि उत्पादों के रोग प्रतिरोधक क्षमता पर वैज्ञानिक चर्चा विशेष महत्व रखती है।मुझे विश्वास है कि यह वर्चुअल संगोष्ठी कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रयास में सशक्त माध्यम बन सकती हैं।
वेबीनार का प्रारंभ प्रो डी पी राय अधिष्ठाता कृषि संकाय के आरंभिक उद्बोधन तथा स्वागत भाषण में से हुआ। इस अवसर पर कुलपति प्रो नरेश चंद्र गौतम ने कहा कि इंसान कम खा कर कभी नहीं मरता परंतु अधिक खाकर अवश्य मर जाता है। आज भी हमें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए को लेकर मन द्वंद में रहता है। 
प्रो एस पी सिंह शस्य विज्ञान विभाग, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी द्वारा अपने विस्तृत और मार्गदर्शक व्याख्यान में रोग प्रतिरोधी क्षमता विकास के लिए मिलेट्स के भरपूर प्रयोग करने की सलाह दी।
 वेबीनार में प्रो के के सिंह , डॉ के पी मिश्र कुलसचिव डॉ अजय कुमार, उप कुलसचिव डॉक्टर कुसुम सिंह, उप कुलसचिव डॉ ललित कुमार सिंह ,प्रो शशिकांत त्रिपाठी, डॉ राजेश त्रिपाठी , डॉ उमाशंकर मिश्र ,प्रो हरिशंकर कुशवाहा ,डॉ सुधाकर प्रसाद मिश्र ,डॉ योगेंद्र सिंह ,डॉ आलोक मालवीय, शुभम राय त्रिपाठी आदि सहित अनेक विद्वान शिक्षक तथा छात्र-छात्राओं भी शामिल रहे।

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