कोरोना संक्रमण के प्रकोप को देखते हुए आखिर यूपी प्रशासन भी हुआ शख्त, सोमवती अमावस्या मेला प्रतिबंधित


कोरोना संक्रमण के प्रकोप को देखते हुए आखिर यूपी प्रशासन भी हुआ शख्त, सोमवती अमावस्या मेला प्रतिबंधित

कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिलाधिकारी ने अमावस्या मेला को प्रतिबंधित करने के दिए निर्देश

चित्रकूट, 10 अप्रैल 2021।  जिलाधिकारी शुभ्रान्त कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में खोया पाया केंद्र रामघाट के सभागार में अमावस्या मेला  को प्रतिबंधित करने के संबंध में एक आवश्यक बैठक का आयोजन संबंधित अधिकारियों एवं साधु संतों के  साथ किया गया।
जिलाधिकारी ने बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए अपने-अपने घरों से ही भगवान श्री कामदनाथ जी के दर्शन पूजा अर्चन करें, अमावस्या मेला में आने की चेष्टा न करें। उन्होंने साधु-संतों से भी कहा है कि श्रद्धालुओं से आप लोग अपील करें कि कोई भी श्रद्धालु अमावस्या मेला में न आए तथा मठ मंदिरों को भी बंद रखा जाए, चौकी प्रभारी सीतापुर को निर्देश दिए कि सभी मठ मंदिरों के साधु-संतों से संपर्क करके मंदिरों को बंद रखा जाए तथा रामघाट की आरती को भी बंद करा दिया जाए। डीएम ने कहा कि प्रतिमाह अमावस्या मेला के अवसर पर कामदगिरि परिक्रमा में तथा रामघाट एवं अन्य धार्मिक स्थलों पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्र होती है परिक्रमा मार्ग का लगभग आधा हिस्सा मध्य प्रदेश की सीमा में आता है एवं मध्य प्रदेश की सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे रामघाट, सीतापुर, नयागांव तथा जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवरामपुर एवं मानिकपुर के क्षेत्र में जो कि मध्य प्रदेश की सीमा से लगे हुए हैं में प्रतिदिन अधिक संख्या में कोविड-19 से संक्रमित पॉजिटिव मरीज आ रहे हैं ऐसी स्थिति में अमावस्या मेला के अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्र होने एवं लोगों के मिलने से संक्रमण में वृद्धि से इन्कार नहीं किया जा सकता है। यह भी अवगत कराया गया है कि वर्तमान में जनपद में कोरोना संक्रमित मरीज बढ़ रहे हैं शासन ने भी निर्देश दिए हैं कि कंटेनमेंट जोन के बाहर समस्त सामाजिक धार्मिक गतिविधियां किसी भी बंद स्थान यथा हाल कमरे की निर्धारित क्षमता का 50 प्रतिशत किंतु एक समय में अधिकतम 100 व्यक्तियों तक तथा खुले स्थान, मैदान पर ऐसे स्थानों के क्षेत्रफल की 50 प्रतिशत से कम क्षमता तक किंतु एक समय में अधिकतम 200 व्यक्ति ही फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्कैनिंग, व सेनीटाइजर एवं हैंड वॉश की उपलब्धता की अनिवार्यता के साथ उपस्थित हो सकते हैं।मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने यह भी अवगत कराया कि सतना मध्य प्रदेश के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से दूरभाष पर उनकी हुई वार्ता के अनुसार मध्यप्रदेश के क्षेत्र में 9 अप्रैल 2021 को सायंकाल 6 बजे से 12 अप्रैल 2021 को सायंकाल 6 बजे तक शुक्रवार से लेकर सोमवार तक पूरी तरह से लॉक डाउन एवं प्रतिदिन नाइट कर्फ्यू लगाया गया है रामघाट सीतापुर उत्तर प्रदेश में भी  कोरोना संक्रमित मारीज पाए जाने के कारण संक्रमित स्थलों पर कंटेनमेंट जोन बनाया गया है उपरोक्त स्थिति में उक्त अमावस्या मेला स्थगित किए जाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी तथा पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर को निर्देश दिए कि भरतकूप, शिवरामपुर, बेड़ीपुलिया, खोही, यूपीटी तिराहा, निर्मोही अखाड़ा, एलआईसी तिराहा तथा रेलवे स्टेशन कर्वी एवं मानिकपुर में पुलिस बल तथा मजिस्ट्रेट को तैनात करते हुए जो बाहर से तीर्थयात्री आए उन्हें विनम्रता पूर्वक कोविड-19 के संक्रमण के बारे में जानकारी देते हुए वापस जाने का अनुरोध किया जाए। अपर जिलाधिकारी से कहा कि चित्रकूट जिला की सीमा से लगे हुए जनपदों के जिला प्रशासन को भी पत्राचार किया जाए ताकि उन जनपदों के जिला प्रशासन भी आने वाले श्रद्धालुओं को अमावस्या मेला प्रतिबंधित तथा कोविड-19 के संक्रमण के बारे में अधिक से अधिक जानकारी करा सके ताकि तीर्थयात्री अमावस्या मेला में न आए। उन्होंने उपजिलाधिकारी को निर्देश दिए कि पूरे मेला क्षेत्र की साफ-सफाई एवं सेनेटाइज भी कराया जाए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि मास्क का प्रयोग करें, सैनिटाइजेशन, स्वच्छता, सोशल डिस्टेंसिंग, तथा कोविड-19 का टीका अवश्य लगवाएं, अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित कर टीका लगवाएं। इस महामारी का सावधानी ही बचाव है।
बैठक में अपर जिलाधिकारी श्री जी पी सिंह, उप जिलाधिकारी कर्वी श्री राम प्रकाश, पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर श्री शीतला प्रसाद पांडेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विनोद कुमार, डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर श्री विजय कुमार सोनी, पर्यटन अधिकारी श्री शक्ति सिंह, जिला उद्यान अधिकारी डॉ रमेश कुमार पाठक सहित संबंधित अधिकारी तथा मठ मंदिरों के साधु संत मौजूद रहे।


The Chitrakoot Post
Shubham Rai Tripathi

Comments

Popular posts from this blog

पुरातन छात्र सम्मेलन 2019

पं. दीनदयाल उपाध्याय की 104 वीं जयंती पर दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट ने किये कई कार्यक्रम

बालकालीन साधु थे संत तुलसीदास जी -- जगदगुरु रामभद्राचार्य