हनुमान धारा का जल और खोवा - मावा लेना नही भूलते दर्शनार्थी
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होली 2021 पर विशेष रिपोर्ट
हनुमान धारा का जल और खोवा - मावा लेना नही भूलते दर्शनार्थी
हनुमान धारा के रवादार सफेद खोवा की मांग बढ़ी
चित्रकूट,(शुभम राय त्रिपाठी)। आध्यत्मिक धर्म नगरी चित्रकूट के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक हनुमान धारा स्थान पर प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु यात्री और श्रद्धावान आकर सर झुकाते हैं। सालों तक लोग सैकड़ों दुर्गम सीढ़ी चढ़कर विंध्याचल पर्वत श्रंखला के मध्य में पर्वत पर बसे हनुमान जी के दर्शन करने आते हैं। परंतु अब मध्य प्रदेश सरकार पर्यटन विभाग द्वारा रोप वे बन जाने के चलते यात्रियों को नई सुविधा प्रदान हुई है। चित्रकूट का हृदय स्थल तीर्थ स्थान हनुमान धारा सिर्फ हनुमान जी के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है। यहां का पुश्तैनी व्यापार , प्रसिद्ध वस्तु खोवा है जिसे लोग मावा अथवा खोया के नाम से भी जानते हैं। हनुमान धारा आने की यह दूसरी वजह अपने आप में खास है। शुद्ध खोवा व्यापार के लिए जिसकी ख्याति स्थानीय क्षेत्र स्तर पर प्रसिद्ध है। होली का त्यौहार नजदीक है । मिठाई के लिए दुकानदारों के साथ ही आम लोगों भी खोवा / मावा खरीदने के लिए बाजार का रुख करते हैं। चित्रकूट में हनुमान धारा का खोवा (जिसे पोखरवार का खोवा/खोया के नाम से भी जानते हैं ) के खरीददार भी बढ़ जाते हैं। हनुमान धारा में लगने वाली खोवा मंडी में प्रतिदिन 60-70 किलो की खपत होती है त्योहारों में यह खपत मार्केट की डिमांड के अनुरूप 1 कुंतल को पार कर जाती है। हालांकि गर्मी बढ़ने के साथ ही उत्पादन में कमी आती है और वर्षा काल के बाद सीजन में उत्पादन भी बढ़ जाता है।
पिछले वर्ष लॉकडाउन में 60 से 80 रुपए प्रति किलो बिका खोवा
पिछले वर्ष कोविड-19 महामारी में लॉकडाउन ने हनुमान धारा के खोवा व्यापारियों के व्यापार की कमर ही टूट गई थी। जहां मार्केट बंद होने के चलते सभी मिष्ठान प्रतिष्ठान भी बंद रहे। जहां दूध वालों ने दूध का रेट 40 से 50 रुपए प्रति लीटर का दाम लॉक डाउन में भी बनाए रखा। वही खरीदार न मिलने के चलते मावा व्यापारियों को मजबूरन रेट गिराना पड़ा जिससे खोवा पूरे लॉकडाउन समय में 100 के अंदर ही बना रहा। अर्थात जहां 2 लीटर दूध की कीमत 100 रुपए और वह भी शुद्धता पर खरा न उतरे , उतनी ही कीमत पर एक किलो शुद्ध खोवा बाजार में बेचा गया।
धीरे-धीरे व्यापार में तेजी से फिर लौटी खोवा व्यापारियों की मुस्कान
परंतु अब लॉकडाउन को भी एक वर्ष बीत चुका है ।
धीरे धीरे व्यापार में तेजी आ रही है जिससे खोवा व्यापारी भी खुश नजर आ रहे हैं । चित्रकूट क्षेत्र में खोवा के लिए खोही बाजार, कर्वी में खोवा मंडी लगती है। परंतु लोगों की पहली पसंद हनुमान धारा का खोवा रहता है। सामान्य दिनों में यहां खोवा 150 से 200 रुपए प्रति किलो के मध्य बना रहता है। परंतु त्योहार के सीजन में 300 से 400 तक का उछाल देखने को मिलता है। चित्रकूट धाम नगर की मिष्ठान दुकानों में मिठाइयों की कीमत 300 से 400 के रेट पर उपलब्ध है। हनुमान धारा का खोवा क्षेत्र में सबसे अच्छा माना जाता है। हनुमान धारा के ऊपर सीता रसोई में आने वाले श्रद्धालु भी शुद्ध खोवा एवं लजीज रबड़ी का स्वाद लेने से अपने आप को रोक नहीं पाते। सीता रसोई के प्रसाद के रूप में इसे बेचा जाता है। हालांकि स्थानीय स्तर पर दूध की कीमतें 40 से 50 रुपए के बीच ही बनी रहती है। हनुमान धारा के ऊपर स्थित पोखर वार गांव के पुश्तैनी बाशिंदे यह व्यवसाय सालों से करते आ रहे हैं। यहां के खोवे की खास बात यह है कि यह शुद्ध दूध से बनाया जाता है जिस दूध से खोवा बनाया जाता है उस दूध से घी नहीं निकाला जाता। इसलिए दूर दूर से व्यापारी और स्थानीय लोग हनुमान धारा विशेष रूप से खोवा लेने के लिए आते हैं।
The Chitrakoot Post
Shubham Rai Tripathi
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