कामदनाथ प्राचीन मुखारविंद मंदिर का जीर्णोधार कार्य शुरू


कामदनाथ प्राचीन मुखारविंद मंदिर का जीर्णोधार कार्य शुरू



चित्रकूट, 26 मार्च 2021। मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश दोनों ही प्रांतों की सीमाओं के मध्य चित्रकूट में स्थित विश्वविख्यात पौराणिक तीर्थ कामदगिरी में मान्यतानुसार भगवान श्री रामचंद्र जी द्वारा अपने वनवास काल के 11 बरसों का समय व्यतीत किया गया था, उल्लेखनीय है की भगवान श्रीराम द्वारा श्री कामतानाथ जी की नित्य पूजा आराधना अभिषेक की लोकमान्यता प्रचलित है। भगवान श्री कामतानाथ जी मंदिर के प्रधान पुजारी श्री प्रतुल जी महाराज (रोहित जी महाराज) ने बताया कि यह मंदिर हजारों बरस प्राचीन है और इस मंदिर के दर्शन व कामदगिरि परिक्रमा किए बिना सारे तीर्थ अधूरे हैं। श्री रोहित जी ने बताया कि इस प्राचीन मंदिर का जीर्णोधार कार्य भगवत कृपा से शुरू हुआ है। इस प्रयास में कामतानाथ जी के प्रथम प्राचीन मंदिर का जीर्णोधार, परिक्रमा मार्ग में अत्यावश्यक सुधार के साथ साथ पार्किंग के पास 25 फूट ऊंचा भव्य द्वार बनाया जायेगा जो धनुषाकार होगा और उसके मध्य में भगवान विष्णु का तिलक अंकित होगा। यह सम्पूर्ण कार्य महंत श्री सत्यप्रकाश दास जी की संकल्पना, महान प्रेरणा तथा मार्गदर्शन में भक्तों के कल्याण हित के उद्देश्य से संपन्न किया जा रहा है  इस कार्य में महंत सत्यप्रकाश दास जी महराज के  पोरसा भक्त मंडल सिद्धार्थ बंसल (टीटू), सुरेंद्र गुप्ता, इंद्रपाल सिंग, अजय गर्ग और दीनदयाल अग्रवाल व परिवार के सदस्यों का सहयोग प्राप्त हो रहा है। उपरोक्त जानकारी श्री प्रतुल जी (रोहित जी महराज)  द्वारा दी गई।

The Chitrakoot Post
Shubham Rai Tripathi

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