वनवासियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए डीआरआई का प्रत्येक कार्यकर्ता सदैव तत्पर - अभय महाजन


वनाधिकार/सामुदायिक संसाधन वनाधिकार अधिनियम पर वृहद बैठक का हुआ आयोजन

वनवासियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए डीआरआई का प्रत्येक कार्यकर्ता सदैव तत्पर - अभय महाजन

जरुरत मंद आदिवासी भाइयों को उनका अधिकार मिले - कलेक्टर कटेसरिया

मझगवां , दिनांक 23 मार्च 2021।  दीनदयाल शोध संस्थान कृषि विज्ञान केन्द्र, मझगवॉ में कलेक्टर अजय कटेसरिया जी के आतिथ्य  एवं दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन जी की अध्यक्षता में वनाधिकार/सामुदायिक संसाधन वनाधिकार अधिनियम पर एक वृहद बैठक का आयोजन किया गया। 

जिसमें मझगवॉ विकासखण्ड़ के 34 पंचायत के 133 ग्राम के वनाधिकार एवं सामुदायिक वनाधिकार अधिनियम पर मा0 कलेक्टर अजय कटेसरिया ने कहा कि मध्य प्रदेश शासन की मंशानुसार प्रत्येक पात्र व्यक्ति को सामुदायिक एवं एकल दावों के वनाधिकार देना है। जो लोग पूर्व में दावे का आवेदन कर चुके हैं और वे किसी भी कारण से वंचित है तो उनके दावों का पुनः निरीक्षण कर पात्र आवेदनों को ग्रामस्तरीय,  उपखण्ड़ स्तरीय एवं जिला स्तरीय समिति द्वारा अनुमोदित कर शासन की ओर भेजा जाये, जिससे जरुरत मंद आदिवासी भाइयों को उनका अधिकार मिल सके।

साथ ही उल्लेख किया कि 13 दिसम्बर 2005 तक जिस किसी आदिवासी का वन भूमि पर कब्जा था और बाद में विभागीय कार्यवाही में निष्कासित कर दिये गये उनको भी वनाधिकारी की पात्रता है, दावेदार के कब्जे की भूमि पर अगर नया वन आच्छादित/घास  है तो भी पात्र हो सकता है। दावेदार का प्रस्तुत दावा स्थल भौतिक रुप से स्पष्ट होता है या नही ? उपरोक्त तीनों कथनों को आधार मानकर एकल भूमि वनाधिकार की पात्रता प्राथमिक रुप से स्पष्ट की जा सकती है।

दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन जी ने कहा कि वनवासियों के लिए अगर संस्थान कुछ भी सहयोग कर सकता है तो उसके लिए संस्थान का प्रत्येक कार्यकर्ता सदैव तत्पर है। वनवासियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए हम सब कटिबद्ध है। श्रद्धेय नानाजी के बोध वाक्य को चरितार्थ करना ही हम सबका धर्म है।



इस अवसर पर जिला वन अधिकारी श्री राजेश राय ने भी वन विभाग की ओर से विश्वास दिलाते हुए कहा कि वन अधिकार एवं सामुदायिक वन संसाधन अधिकार में वन विभाग को कोई भी आपत्ति नही है । नियमानुसार सभी दावों का त्रिस्तरीय समिति द्वारा पुनः निरीक्षण करके पात्र/अपात्र की सूची बनाई जाये, साथ ही पात्र एवं अपात्र के कारण का भी उल्लेख किया जाये जिससे हितग्राही को लाभ पहुॅचाना आसान होगा। 

जिला संयोजक आदिमजाति कल्याण विभाग श्री अविनाश पाण्डेय ने कहा कि जनजाति वर्ग के लोगो की सहायता करने से बडा कार्य कोई नही है। अगर इस वर्ग के लिए कुछ करना है तो उनका अधिकार/वनाधिकार देने के लिए हम सभी विभाग के लोगों को आगे आना पडेगा‌। ग्राम स्तरीय समिति अगर स्व प्रेरणा से पूर्ण प्रपत्रानुसार कोई दावा प्रस्तुत करेगी या उसकी जॉच करेगी तो पात्र हितग्राही को उसका अधिकार आसानी से मिल सकेगा, साथ ही इस कार्य में ग्राम स्तरीय समिति के बीटगार्ड (वन), पटवारी (राजस्व) एवं सचिव पंचायत अगर पूरा प्रयास करेंगे तो उद्देश्य की पूर्ति आसानी से हो सकती है। 

विशिष्ट अतिथि के तौर पर वनाधिकार विषय के जानकार श्री गिरीश कुवेर ने वनाधिकार अधिनियम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 2012 के संशोधन के अनुसार ग्राम वनाधिकार समिति का गठन पंचायतवार न होकर ग्राम अनुसार किया जाये और 10 सदस्यीय समिति के स्थान पर 15 सदस्यीय समिति का गठन किया जाना चाहिए । 33ः महिला, 50ः वनवासी/आदिवासी लोगों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए ।

इसी के साथ जिला वनाधिकार समिति के सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्य श्री संजय आरख ने कहा कि कोई भी दावा या आवेदन अधिकारिक रुप से लेने के पूर्व स्थानीय समिति द्वारा उस दावे का भौतिक सत्यापन कर लेना चाहिए, क्योंकि जनजातीय लोगो को बार-बार आवेदन प्रक्रिया में सामिल करना एवं उससे आवश्यक दस्तावेजां को मॉगना ही कही न कही उनको कठिनाई का कारण बनता है । अगर दावेदार की भौतिक स्थिति पात्र स्पस्ट होती है तो उसका दावा स्वीकार कर उसकी कार्यवाही सुनिश्चित करना चाहिए और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के लिए हम सभी को संयुक्त प्रयास करके उनके वनोपज का अधिकार देना चाहिए। 

दीनदयाल शोध संस्थान के कोषाध्यक्ष श्री बसंत पण्डित ने कहा कि दीनदयाल शोध संस्थान वनाधिकार एवं सामुदायिक वनाधिकार के क्षेत्र में सहयोग करके जिले को पहला जिला बनवाना चाहता है, जहॉ जनजातीय लोगो को उनका अधिकार मिला।

अनुविभागाय अधिकारी (राजस्व), मझगवॉ श्री पी.एस. त्रिपाठी ने कहा कि पंचायती राज एवं वन विभाग के ग्राम स्तरीय समितियों की बैठक कर सामुदायिक कार्ययोजना बनाकर पात्र लोगो को उनका अधिकार दिलाने के लिए संयुक्त कार्ययोजना बनाकर कार्य करना पडेगा साथ ही उपस्थित कर्मचारियों के व्यावहारिक कठिनाइयों का जिज्ञासा समाधान अधिकारियों द्वारा किया गया। केन्द्र प्रमुख डॉ0 राजेन्द्र सिंह नेगी के द्वारा कार्यक्रम की संक्षिप्त रुपरेखा रखी गयी । 

इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत मझगवॉ श्री अशोक तिवारी, अनुविभागीय-वन, चित्रकूट, वनपरिक्षेत्राधिकारी बरौधा, सिंहपुर, मझगवॉ, तहसीलदार, मझगवॉ एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री वी.पी.सिंह तथा 33 पंचायतों के बीटगार्ड वन, हल्का पटवारी, पंचायत सचिव, रोजगार सहायक के साथ दीनदयाल शोध संस्थान के उप महाप्रबंधक डॉ. अनिल जायसवाल, राजेन्द्र सिंह,  डॉ. अशोक कुमार पाण्डेय, श्री हरीराम सोनी एवं केन्द्र के समस्त कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री उत्तम कुमार त्रिपाठी, कृषि विज्ञान केन्द्र, मझगवॉ द्वारा किया गया।

*The Chitrakoot Post*
*Shubham Rai Tripathi*

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