महिलाओं को स्वरोजगार का प्रशिक्षण दे कर आत्मनिर्भर बना रहा है दीनदयाल शोध संस्थान


महिलाओं को स्वरोजगार का प्रशिक्षण दे कर आत्मनिर्भर बना रहा है दीनदयाल शोध संस्थान

चित्रकूट 17 अगस्त 2020। देश बदल रहा है महिलाओं की दशा में सुधार आ रहा है, समय के साथ साथ नारी शक्ति और सशक्त होती जा रही है। परिवर्तन प्रकृति का नियम है ये बात तो सत्य है, किन्तु परिवर्तन का क्या परिणाम हुआ है और क्या होगा और उस परिवर्तन को आने वाली पीढ़ी को किस प्रकार स्वीकार करती है और इससे क्या सीख लेती है ये बात अधिक महत्त्व रखती है। देखा जाए तो हर युग में प्रतिभाशाली महिलाएँ रही हैं और हर युग में उन्होंने अपनी प्रतिभा से समाज में उदाहरण प्रस्तुत किया है जैसे- सीता, सावित्री, द्रौपदी, गार्गी आदि पौराणिक देवियों से लेकर रानी दुर्गावती, रानी लक्ष्मीबाई, अहिल्या बाई होल्कर, रानी चेनम्मा, रानी पद्मिनी, हाड़ी रानी आदि महान रानियों से लेकर इंदिरा गाँधी और किरण बेदी से लेकर सानिया मिर्ज़ा आदि आधुनिक भारत की महिलाओं ने भारत को विश्व भर में गौरवान्वित किया और महिलाओं ने धरती पर ही नहीं अपितु अन्तरिक्ष में भी अपना परचम लहराया है इनमें सुनीता विलियम्स और कल्पना चावला प्रमुख हैं।
गाँव और शहर में शिक्षा के प्रचार प्रसार के व्यापक प्यास किये जा रहे हैं। महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और अन्याय के प्रति आवाज उठाने की हिम्मत प्रदान ही असल में नारी सशक्तिकरण है। 
चित्रकूट जिले में भी  महिलाओं को भी जागरुक एवं आत्मनिर्भर करने हेतु दीनदयाल शोध संस्थान  
भी कुछ ऐसा ही प्रयास चित्रकूट में कर रहा है । दीनदयाल शोध संस्थान के प्रकल्प कृषि विज्ञान केन्द्र चित्रकूट द्वारा विगत 1 माह से कृषि कल्याण अभियान फेस-3 के तहत जिले की महिला कृषक समूहों को स्वरोजगार हेतु प्रेरित कर प्रशिक्षण कार्यक्रमो का आयोजन किया जा रहा है जिसके तहत महिला कृषकों को अगरबत्ती मोमबत्ती निरमा निर्माण सिलाई कढ़ाई  एवं मशरूम उत्पादन पोषण वाटिका मछली पालन जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है । जिसके तहत आज जनपद के कंठी पुर ग्राम में कृषि कल्याण अभियान फेस-3 के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न किया गया जिसमें वैश्विक पर्यावरण सुविधा परियोजना एवं किसान बायो टेक  परियोजना के शोध सहायक श्री रोहित रावत जी की उपस्थित में संपन्न हुआ जिसमें लगभग 50 महिला कृषकों की उपस्थिति रही।


Shubham Rai Tripathi
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