दीनदयाल शोध संस्थान के स्वाबलंबन केंद्रों के साथ-साथ सियाराम कुटीर एवं जन शिक्षण संस्थान में हुआ योग का आयोजन।


दीनदयाल शोध संस्थान के स्वाबलंबन केंद्रों के साथ-साथ सियाराम कुटीर एवं जन शिक्षण संस्थान में हुआ योग का आयोजन।


चित्रकूट, 21 जून 2020। पूरी दुनियां में भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों एवं पुरातन योग पद्धति को साकार रूप  देने के लिये 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के माध्यम से जो स्वरूप तैयार हुआ है। उसमें अब गांव के लोग भी अछूते नहीं है। दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट द्वारा नगर के साथ-साथ ग्रामीण स्वावलम्बन केन्द्रों पर भी योग की बात पहुंच सके, इसके लिये लगभग दो सैकड़ा लोगों को दि. 2 जून से 6 जून तक आरोग्यधाम के योगा विभाग के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया था। जिसका प्रतिफल आज गांव-गांव में देखने को मिला।

सभी जगह 21 जून की सुबह प्रशिक्षित प्रशिक्षकों द्वारा प्राणायाम, मुद्राभ्यास, सन्धियोग, योगासन और सूर्य नमस्कार की सभी क्रियायें एवं आसन कराये गये। 

इस वृहद आयोजन को लेकर दीनयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने चित्रकूट नगर एवं सभी ग्रामीण केन्द्र, चित्रकूट जनपद तथा मझगवां जनपद के स्वावलम्बन केन्द्रों एवं सम्पर्कित ग्रामीण केन्द्रों पर ग्रामवासियों की भागीदारी के साथ योग के इन प्रयोगों को नियमित रूप से अपनाने व दिनचर्या में शामिल करने का आग्रह किया था।




दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने बताया कि इस दृष्टि से चित्रकूट नगर की सभी प्रमुख संस्थाओं और मठ मंदिरों के प्रमुख कार्यकर्ताओं ने तय किया गया था कि कोरोना के चलते तात्कालिक हालातों को देखते हुए 21 जून के सामूहिक आयोजन को ना करते हुए कोरोना से संबंधित शासन के दिशा निर्देशों एवं उससे सुरक्षा संबंधी उपायों को ध्यान में रखकर अलग-अलग स्थानों पर योग शिविरों का आयोजन किया जाए। उसी के चलते सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान रखते हुए ज्यादा से ज्यादा स्थानों पर योग शिविर आयोजित किया है। ताकि प्रत्येक घर तक योग का संदेश पहुंचे, और जो योग हमारी प्राचीन जीवनशैली का हिस्सा था, वह फिर से हमारी दैनिक दिनचर्या में शामिल हो सके।


श्री महाजन ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के विचार थे कि भारत को तभी नए सिरे से मजबूत किया जा सकता है, जब व्यक्तित्व निर्माण में योग को नियमित रूप से जोड़ा जाए। योग के माध्यम से एक व्यक्ति को समाज से जोड़ने की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है। जिसमें शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा को एक साथ लाने का काम होता है। विगत 6 वर्षों से 21 जून को पूरा विश्व योग दिवस के रूप में मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के अथक प्रयासों से योग को विश्व मंच पर पहुंचाने का कार्य हुआ है। 

जन शिक्षण संस्थान चित्रकूट ने इस अवसर पर ग्राम बछरन से योग का संदेश दिया। इस दौरान JSS के कार्यकारी निदेशक राजेंद्र सिंह ने बताया कि योगा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह ध्यान रखते हुए कोविड-19 से बचाव के बारे में भी ग्राम वासियों को बताया जा रहा है, तथा अपने गांव को तंबाकू मुक्त करने की भी इस अवसर पर शपथ दिलाई गई।

Shubham Rai Tripathi
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