ग्रामीण युवा और किसान सकारात्मक उर्जा के साथ कौशल सीखे- प्रो गौतम कुलपति
ग्रामीण युवा और किसान सकारात्मक उर्जा के साथ कौशल सीखे- प्रो गौतम कुलपति
चित्रकूट, 31 मई 2020। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नरेश चंद्र गौतम ने रूटीन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में आज रैपुरा गांव के निवासियों और किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये दो गज की सामाजिक दूरी के साथ साथ सरकार द्वारा घोषित गाइडलाइन का पालन करें।मास्क के खरीदने में पैसा न व्यय करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा सुझाये गए विंध्य और बुंदेलखंड में लोकप्रिय अगौछा (साफी) से मुँह ढककर रखें। साबुन और पानी से दिन में अनेक बार हाथ धुलते रहें। ग्राम वासियों और किसानों द्वारा माँगे गए मार्गदर्शन में प्रो गौतम ने कहा कि हमारे ग्रामो में कौशल का अभाव नही है।गांव में घटते रोजगार के कारण कौशलयुक्त मानवसंसाधन धीरे धीरे शहरों की ओर प्रस्थान कर गया। विश्वव्यापी कोरोना संक्रमण के कारण प्रवासी कामगारों की गांव में सतत वापसी हो रही है।गांव के युवाओं, महिलाओं को चाहिए कि वे गांव वापस आये कौशल से पूर्ण प्रवासी कामगारों से कुछ कौशल सीखने का प्रयास करें।ग्रामोदय विश्वविद्यालय सामुदायिक योजना कार्यक्रम के माध्यम से कौशल शिक्षा का प्रमाणीकरण भी कर सकेगा।प्रो गौतम ने बताया कि केंद्र और राज्यों की सरकारें रोजगारोपयोगी कौशल शिक्षा के लिए विभिन्न योजनाओं को तैयार कर रही है।ग्रामोदय विश्वविद्यालय में संचालित दीन दयाल उपाध्याय कौशल शिक्षा केन्द्र अनेक सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स चला रहा है। किसानों की जिज्ञासा को शांत करते हुए प्रो गौतम ने बताया कि मध्यप्रदेश के राज्यपाल महामहिम राज्यपाल श्री लाल जी टंडन ने ग्रामोदय विश्वविद्यालय द्वारा प्रदेश में पहली बार संचालित सचल मृदा स्वास्थ्य परीक्षण प्रयोगशाला का उदघाटन 04 मार्च 2020 को किया था।इस व्यवस्था के आने से अब किसानों के खेत की मिट्टी का स्वास्थ्य उनके खेत मे ही होगा। इस अवसर पर कुलपति प्रो गौतम ने सकारात्मक ऊर्जा के साथ कृषि उत्पादन को बढ़ाने , कृषि आधारित उद्योगों को स्थापित करने और सब्जी-फल उत्पादन की सलाह दी।
अन्य गतिविधियों के क्रम में विज्ञान संकाय के प्राध्यापक प्रो यस के चतुर्वेदी ने मेहता पीजी कॉलेज प्रयागराज द्वारा आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय बेवीनार " इक्सप्लोरिंग एण्ड अन्डरस्टैन्डिंग कोविड 19" में "स्र्ट्रेस एण्ड चेंजेज इन लाइफस्टाइल - कोविड 19" विषय पर विशेष आमंत्रित व्याख्यान में आज और भविष्य मे वाले तनाव का संयमित जीवन जीवन शैली से प्रबंधन पर विचार रखा।हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ कुसुम कुमारी सिंह ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, जम्मू कश्मीर में आयोजित त्रिदिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेब- संगोष्ठी में सहभागिता कर अपना ऑनलाइन शोधपत्र "वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आंतरजालिक शिक्षण की संभावनाएं एवम् चुनौतियां" विषय पर पढ़ा।डॉ राजेश कुमार त्रिपाठी ने समाज शास्त्र में पीएचडी कोर्स की क्लासेस ली।डॉ रवि चौरे ने इंटरमीडिएट और हाई स्कूल के विद्यार्थियों के मस्तिष्क मापन प्रतिस्पर्धा में भाग लेने का आवाहन किया।
," ग्रामीण स्वास्थ्य की चुनौतियां एवं आयुर्वेदिक समाधान " विषयक राष्ट्रीय परिचर्चा के तकनीकी सत्र में राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ के निदेशक वैद्य अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि ग्रामीण स्वास्थय के क्षेत्र में सामाजिक एवं आर्थिक चुनौतियों का समाधान आयुर्वेद के द्वारा कैसे हो सकता है। ऑल इण्डिया इंस्टीट्यूट आफ आयुर्वेद के अधिष्ठाता वैद्य महेश व्यास का कहना था कि जो व्यक्ति जहां का निवासी है वहां की स्थानीय औषधियों का प्रयोग करे तो स्वास्थ्य के लिए हितकारी है क्योंकि वह रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है।आयुर्वेदिक फर्माकोकॉपिया कमेटी भारत सरकार के चेयरमैन वैद्य प्रोफेसर रवि नारायण आचार्य ने बताया कि अपने घरों में उपलब्ध खाद्य पदार्थ और रसोई घर में उपलब्ध मसाले और घर के आस पास स्थानीय औषधियों का ज्ञान कराया जाय तो रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दृष्टि दे ग्रामीण लोग उपयोग कर सकते हैं।
जैरोपथी के संस्थापक नरेश कामायनी ने बताया कि शरीर में सतत रोगप्रतिरोधक क्षमता के लिए आयुर्वेद ही एक सशक्त माध्यम है जिसमें वर्णित सात्विक आहार , नियमित व्यायाम, नियमित दिनचर्या,एवं योग के द्वारा अपना इम्यून सिस्टम को बढ़ाया जा सकता है।बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के आयुर्वेद संकाय के डीन वैद्य प्रोफेसर यामिनी भूषण त्रिपाठी ने बताया कि औषधीय पौधों के मानकीकरण पर विशेष जोर देने की जरूरत है और मेडिसिनल प्लांट आधारित उद्योग की जरूरत है जिससे औषधियों की गुणवत्ता बनी रहे जिससे कि लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे और कोरोना वाइरस से बचा जा सके।
सर गंगा राम अस्पताल नई दिल्ली के वरिष्ठ परामर्शदाता वैद्य परमेश्वर अरोरा ने कहा कि ग्रामीण स्वास्थय बनेगा विश्व स्वास्थ्य का आधार। ग्रामीण जनों को स्वास्थ्य के पांच आयाम जैसे शारीरिक स्वास्थय, मानसिक स्वास्थ्य, आध्यात्मिक स्वास्थ्य,सामाजिक स्वास्थ्य एवं आर्थिक स्वास्थ्य संवर्थन ही शरीर का सर्वांगीण विकास कर सकता है।बैभरवी पांडेय आयुर्वेद स्नातक की छात्रा ने ग्रामीण स्वास्थ्य संवर्धन के संबंध में आचार्य चरक द्वारा दिए गए उद्धरण को सम सामयिक बताया।
विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी संकाय के डीन डॉ आंजनेय पांडेय ने बताया कि आयुर्वेदिक औषधियों का क्लीनिकल ट्रायल किया जाना चाहिए। चित्रकूट में आयुर्वेदिक औषधियों का विशाल भंडारण प्राकृतिक रूप में मौजूद है। औषधि भंडारण को सरंक्षित एवं संवर्धन करते हुए स्थानीय स्तर पर प्रयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।
विश्वविद्यालय के आयुर्वेद प्रभारी वैद्य राकेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आजीवन स्वास्थ्य संवर्धन की परिकल्पना को साकार करने के लिए ग्रामीण जनों को अपनी दिनचर्या, साफ सफाई, पर्यावरण का आयुर्वेदिक शुद्धिकरण की आवश्यकता है। ऋतुओं में उत्पन्न अन्न, साग- सब्जियों, फल आदि का सेवन करना चाहिए एवं आयुर्वेद में बताए गए औषधियों का संग्रह कर उनका उपयोग करना चाहिए।आरोग्य भारती के वैद्य रवि कुमार श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय परिचर्चा के कार्यक्रम का समन्वयन किया।डॉ गोविंद सिंह और डॉ विवेक सिंह के तकनीकी प्रयास से माध्यम इस कार्यक्रम को एक नई दिशा एवं गति प्राप्त हुई।
दीनदयाल उपाध्याय कौशल केंद्र के छात्र छात्राओं ने अपने अपने गॉव में ग्रामीणों में कोरोना व अन्य विषयों के प्रति जनचेतना जगाने तथा प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित आत्मनिर्भर भारत अभियान को अपने क्षेत्र में मजबूती से बढ़ाने के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की है। इस हेतु दीनदयाल कौशल केंद्र के प्राचार्य इं राजेश कुमार सिन्हा की प्रेरणा से ग्रामीण पुनर्रचना नाम से विद्यार्थियों का एक व्हाट्स अप समूह बनाया गया है। कोई भी विद्यार्थी अपनी स्वप्रेरणा से व बिना किसी दवाब के इस समूह का सदस्य बन सकता/सकती है।
इस समूह का प्रारंभ 3 छात्रों व 2 छात्राओं के साथ किया गया है।
समूह की एक सदस्य सपना पाटिल ने अपने गांव के एक परिवार की समस्या रखी कि उसका पुत्र कहीं बाहर काम करने के लिए गया था,उसके न लौटने व संपर्क न होने से परिवार निराश्रित हो गया है। उपाय बताए जाने पर उसने सरपंच से मिलकर निराश्रित व्यक्ति को काम मिलने की व्यवस्था कर ली है व उसके पुत्र को ढूंढने की कार्यवाही भी जिलाधिकारी को पत्र भेजकर शुरू हो गयी है।
छात्र कौशलेंद्र सिंह तोमर ने अपने गांव के कुछ साथियों का एक समूह तैयार किया है। उनके साथ इं सिन्हा की एक ऑनलाइन बैठक सम्पन्न हो चुकी है।बैठक में गांव में उपलब्ध संसाधनों व समस्यायों पर चर्चा हुई तथा इस बात पर सहमति बनी है कि जो कार्य सिर्फ जनसहयोग से बिना किसी बाहरी मदद के हो सकती है उसे पहले किया जाय, उसके बाद उन कार्यों को हाथ मे लिया जाय जिनमें कुछ हद तक सीमित बाह्य सहयोग से काम हो सकता है व सबसे अंत मे उन कार्यों के बारे में सोचा जाय जिनमे ज्यादा संसाधनों की जरूरत है। प्रारम्भ में गांव का इतिहास लिखने, संसाधन सर्वेक्षण व आवश्यकताओं के विष्लेषण करने पर सहमति बनी है।साथ ही उन्हें मनरेगा के प्रावधानों की जानकारी दी गयी जिससे बाहर से लौटने वाले किसी भी बंधु को कार्य मिलने में कोई दिक्कत आने पर उसकी सहायता की जा सके। खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा कुटीर उद्योगों के लिए दी जाने वाली सहायता तथा हाल ही में मध्यम ,लघु व सूक्ष्म उद्योगों के पैकेज पर भी प्रारंभिक चर्चा हुई। समूह के सदस्यों ने इस बात पर हर्ष व्यक्त किया कि उन्हें विवि के विद्वानो का मार्गदर्शन घर बैठे प्राप्त हो रहा है व आगे भी मिलता रहेगा।
इं सिन्हा ने बताया कि विवि कुलपति प्रो नरेश चंद्र गौतम की प्रेरणा से उन्होंने यह व्हाट्सअप समूह बनाया है।उन्होंने विश्वास व्यक्त किया है कि इस समूह में अन्य विद्यार्थी व शिक्षक भी जुड़ेंगे तथा विवि के संस्थापक रत्न नानाजी की ग्रामीण पुनर्रचना को विवि के छात्र छात्राऐं अपने अपने क्षेत्रों में मूर्त रूप देंगे। इस आशय की जानकारी जय प्रकाश शुक्ल जन सम्पर्क अधिकारी ने दी है।
Shubham Rai Tripathi
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