31 मई को ऑनलाइन इंजीनियरिंग एलुमिनी मीट का निर्णय
ग्रामोदय विश्वविद्यालय में आत्मनिर्भर भारत थीम पर बेबीनारो की श्रंखला का प्रारंभ
खाद्य स्वच्छता और प्रवासियों के लिए खाद्य सुरक्षा और खाद्य उद्योग के स्टार्टअप के अवसरों पर राष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न।
31 मई को ऑनलाइन इंजीनियरिंग एलुमिनी मीट का निर्णय
चित्रकूट,25 मई 2020 । लॉक डाउन की सीमाओं में भी उच्च शिक्षा के आयामों जैसे शिक्षण, प्रशिक्षण, प्रसार और शोध के क्षेत्रों में अभिनव प्रयासों और योगदान करने का कार्य महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय सतत रूप से कर रहा है। आत्म निर्भरता की थीम पर आयोजित बेबीनारो की श्रंखला में आज विश्वविद्यालय में पोस्ट कोविड- 2019: फूड हाइजीन एंड फूड सेफ्टी फॉर माइग्रेंट्स एंड अपॉर्चुनिटी फॉर स्टार्टअप ऑफ एग्रो इंडस्ट्री(एम यस एम ई और एफ एफ यस ए आई 2020 के नए दिशानिर्देश) विषय पर नेशनल वर्कशॉप का आयोजन किया गया। यह आयोजन विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी ए संकाय के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा किया गया। इस ई वर्कशॉप में 331 प्रतिभागियों ने सहभागिता की। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि एवं ग्रामोदय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और कृषि मंत्रालय में पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर ज्ञानेंद्र सिंह ने अपने शोध परक उद्बोधन में देश के वर्तमान परिदृश्य का आंकड़ो सहित खाका प्रस्तुत किया। उन्होंने कोरोना संकट से उत्पन्न स्थितियों में सरकार द्वारा की गई पहल का स्वागत करते हुए इस दिशा में पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने का आग्रह किया। रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए उन्होंने खाद्य प्रौद्योगिकी और प्रसंस्करण के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पादकता और मूल्य संवर्धन की गतिविधियां बढ़ाने की पैरवी की। प्रो सिंह ने प्रतिकूलता की इस अवस्था में भारतीयों के योगदान की सराहना करते हुए उन्हें हर संभव सहायता दिए जाने की आवश्यकता व्यक्त की।उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता एमडीगिरी वर्धा, महाराष्ट्र के निदेशक डॉ आर के गुप्ता ने खाद्य प्रौद्योगिकी आधारित कार्यों के लिए एक बड़ी परियोजना प्रदान किए जाने की संभावना व्यक्त की। उन्होंने बताया कि यह परियोजना भारत सरकार के एम यस एम ई की ओर से प्रदान की जाएगी, जिससे ग्रामोदय विश्वविद्यालय अपने उद्देश्य और अपनी पूर्व ख्याति के आधार के अनुसार ग्रामीण निर्भरता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान कर सकेगा।
ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर नरेश चंद्र गौतम ने अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए उनके विचारों का स्वागत किया। प्रोफ़ेसर गौतम ने कोरोना काल में मजदूरों के पलायन और कृषि क्षेत्र की सभी समस्याओं के कारण उत्पादन के क्षेत्र में आई निराशा और हताशा को दूर करने के लिए आत्म विश्वास के साथ आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का आवाहन किया। उन्होंने ग्रामीण बेरोजगारी को दूर करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण और प्रौद्योगिकी से मूल्य संवर्धन की संभावनाओं को बढ़ाने का आग्रह किया।। उदघाटन सत्र के विशिष्ट अतिथि एम यस एम ई इंदौर के सहायक निदेशक डॉ नीलेश त्रिवेदी ने भारत सरकार की ओर से लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को दी जा रही राहत योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रसंस्करण,औषधीय पौधों के उत्पादन तथा विपडन को प्रोत्साहित करने की योजनाओं का लाभ शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लोग ले , जिससे वे अपनी आर्थिक सुधार कर सकें।
उद्घाटन का प्रारंभ वेबिनार के संयोजक और मार्डनेटर इंजी अश्विनी दुग्गल के पृश्ठभूमि व्याख्यान से हुआ, इसमें उन्होंने खाद्य स्वच्छता और प्रवासियों के लिए खाद्य सुरक्षा और खाद्य उद्योग के अवसरों के लिये समर्पित इस राष्ट्रीय कार्यशाला के आयोजन आवश्यकता और प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। अभियांत्रिकी संकाय के अधिष्ठाता डॉ आंजनेय पांडेय ने आयोजन की रूपरेखा सहित क्षेत्र में विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे कार्यों की झलक प्रस्तुत की। डॉ पांडेय ने बताया कि अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी संकाय से अध्ययन कर चुके इंजीनियरिंग छात्रों की ऑनलाइन एलुमिनी आयोजित की जायेगी। ई वर्कशॉप का सत्रीय संचालन जनसंचार माध्यमों के विशेषज्ञ प्रो वीरेंद्र कुमार व्यास ने किया। वेबिनार के विभिन्न तकनीकी सत्रो में महत्वपूर्ण व्याख्यान सम्पन्न हुए।तकनीकी सत्र का प्रारंभ निफ्टेम हरियाणा के अधिष्ठाता डॉ आशुतोष उपाध्याय के वीडियो व्याख्यान से हुआ,जिसमें स्थानीय आवश्यकताओ के अनुरूप खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को लगाने और संचालित करने का परामर्श दिया गया।इंजी के पी मिश्रा ने ग्रामीण व्यवस्था में खाद्य प्रौद्योगिकी पर प्रकाश डाला।
ग्रामोदय विश्वविद्यालय द्वारा संचालित दीन दयाल उपाध्याय कौशल केंद्र के प्राचार्य इंजीनियर राजेश कुमार सिन्हा ने ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन से वापस लोगों की आर्थिक दशा सुधारने के लिए रूपरेखा प्रस्तुत की। यारी फूड इंडस्ट्री इंदौर की महानिदेशक डॉ याशी श्रीवास्तव ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से स्थानीय स्तर पर स्तरीय खाद्य उत्पादों के निर्माण और वितरण से रोजगार परख व्यवसाय की श्रंखला प्रस्तुत करने और अर्थव्यवस्था में योगदान करने का नुस्खा दिया। ननैनी एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट की असिस्टेंट प्रोफेसर अंकिता गौतम और होस्टेज इंदौर की निशा कमल ने भी अपने विचार रखे। नैनी एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट के ही डॉ एसके सिंह ने अपने उद्बोधन में शासकीय योजनाओं के परिपेक्ष्य में कार्ययोजना बनाकर स्थानीय उत्पादन के उत्पादन और विपणन की पैरवी की ।कार्यशाला मॉडरेटर डॉक्टर आरके श्रीवास्तव ने आयुर्वेद और सुगंधित पौधों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और मूल्य संवर्धन की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की बात रखी। डॉ गोविंद सिंह ,डॉ विवेक सिंह आदि ने वर्कशॉप में तकनीकी योगदान दिया।
#Shubham Rai Tripathi
#thechitrakootpost
Comments
Post a Comment