Thinking of the artist should always be global and curious: Dr. Pramila Singh.
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16/11/2019
Thinking of the artist should always be global and curious: Dr. Pramila Singh.
An exhibition of paintings in Bangkok will be organized soon: Dr. Pramila Singh.
कलाकार का चिंतन सदैव वैश्विक एवं जिज्ञासु होना चाहिए : डॉ प्रमिला सिंह ।
बैंकॉक में चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन जल्द ही किया जाएगा : डॉ प्रमिला सिंह।
चित्रकूट । कहा जाता है जहां चाह है वहां राह है। इसी कहावत को चरितार्थ ग्रामोदय विश्वविद्यालय कि डॉक्टर प्रमिला सिंह ने पुनः साबित कर दिया है। अपने कलात्मक चित्रण से समाज को सकारात्मक दृष्टिकोण देने की इसी जीविटता ने प्रमिला सिंह को सेवानिवृत्त के बाद भी , कला के क्षेत्र में नए अभिनव प्रयासों के लिए जिज्ञासु बना दिया । इसी क्रम में,
महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट से अवकाश प्राप्त करने के बाद व्यवसायिक कला विभाग की डॉ प्रमिला सिंह ने अपनी कला को और निखारने के लिए बैंकॉक थाईलैंड की यात्रा की । वहां उन्होंने वहां की प्राकृतिक
सुंदरता को आत्मसात किया और अनेक चित्रों का निर्माण किया । इन चित्रों को डॉ प्रमिला सिंह यथाशीघ्र प्रदर्शनी के माध्यम से प्रस्तुत करेंगी। जिससे आज के युवा वर्ग लाभान्वित हो सकें। उनका कहना है कि अब वह एक विद्यार्थी की तरह सतत अपना चित्रण कार्य जारी रखेंगी।
उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान बैंकॉक में वैक्स म्यूजियम तथा कई अन्य म्यूजियम का भ्रमण किया जिसमें देश विदेश के कलाकारों की कलाकृतियां शामिल थी। बैंकॉक के कुछ वरिष्ठ कलाकारों से भी मुलाकात कर कला कृतियों पर चर्चा हुई।
पटाया तथा फुकेट बड़ा ही रमणीय स्थल है यहां पर प्राकृतिक सुंदरता को सरलता से आत्मसात किया जा सकता है। एक चित्रकार के लिए , कला के संदर्भ में अद्भुत नव ऊर्जा प्रदान करने वाले यहां के प्राकृतिक स्थान हैं। समुद्र की ऊंची ऊंची लहरे प्रकृति की शोभा को बढ़ाती हैं। इस शैक्षणिक भ्रमण में एम.एफ.ए के छात्र शशिकांत सिंह एवं बी.एफ.ए. के पूर्व छात्र दिनेश कुमार भी यात्रा में शामिल थे। भविष्य में बैंकॉक में इन चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा।
अपनी यात्रा के अनुभव को साझा करते हुए डॉ प्रमिला सिंह कहती हैं कि एक चित्रकार का दृष्टिकोण सदैव वैश्विक एवं जिज्ञासु प्रवृत्ति का होना चाहिए । आज के नव युवाओं में चित्र कला के क्षेत्र में प्रतिभा की कोई कमी नहीं , उन्हें यदि उचित मार्गदर्शन और अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का स्थान मिले तो वह अपनी पहचान देश-विदेश में स्थापित करने में सक्षम होंगे । एक कलाकार को हमेशा नवाचार के लिए तैयार होना चाहिए । व्यक्ति की जिज्ञासु प्रवृत्ति ही उसे चित्रकला में उत्कृष्ट एवं अनुभवी बनाती है।
ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट के फाइन आर्ट के छात्र-छात्राओं ने अपने कला और हुनर से देश , प्रदेश का नाम रोशन किया है। चित्र कला के क्षेत्र में नए प्रतिभाओं को खोजने एवं उनके प्रयासों को सकारात्मक पहचान और मार्गदर्शन मिले इसके लिए चित्रकला की प्रदर्शनी जल्द ही बैंकॉक में आयोजित की जाएगी।
शुभम राय त्रिपाठी चित्रकूट
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