दिव्यांगों के विवाह संस्कार के लिए परिचय सम्मेलन का आयोजन : दृष्टि संस्था।

04/11/2019



दिव्यांगों के विवाह संस्कार के लिए परिचय सम्मेलन का आयोजन : दृष्टि संस्था।

दिव्यांगों के लिए देवदूत बनकर समाज में कार्य कर रही है दृष्टि : चंद्रिका प्रसाद।


 चित्रकूट ।  समाज में रहने वाले लोगों की सामाजिक, आर्थिक, अध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक स्तर से सेवा करने के लिए विभिन्न प्रकार के सामाजिक संगठन, एन.जी.ओ इत्यादि कार्य कर रहे हैं। 
परंतु आज हम आपको एक ऐसी संस्था के बारे में बताने जा रहे हैं जो जोकि दिव्यांग जनों के लिए प्रमुखता से उनके शैक्षिक जिम्मेवारी का कार्य तो करती ही है इसके साथ ही दिव्यांग जनों विशेष रुप से दृष्टिबाधित दिव्यांगों के विवाह संस्कार के लिए भी अग्रणी भूमिका निभा रही है। 

चित्रकूट क्षेत्र में ऐसी ही एक संस्था का नाम है 
" दृष्टि "। हिंदू धर्म के मान्यता अनुसार 16 संस्कार धर्म में बताए गए। जिसमें से व्यक्ति के जीवन में विवाह संस्कार एक महत्वपूर्ण संस्कार होता है।
दिव्यांगजन भी साधारण लोगों की भांति अपना वैवाहिक जीवन शुरू कर सकें एवं सरलता से सुखमय जीवन यापन करने में समर्थ हो। इसके लिए दृष्टि संस्था द्वारा दिव्यांग जनों के लिए प्रतिवर्ष विवाह सम्मेलन आयोजित किया जाता है। विवाह सम्मेलन के पूर्व वर्ष में दो बार यह परिचय सम्मेलन का आयोजन किया जाता है जिसके माध्यम से युवक-युवती निसंकोच भाव से अपने सुयोग्य वर को जीवनसाथी के रूप में चुन सकें। 

चित्रकूट नगर की सामाजिक संस्था दृष्टि द्वारा दृष्टिबाधित दिव्यांगों के विवाह हेतु एक दिवसीय परिचय सम्मेलन का आयोजन धूमधाम से किया गया। सम्मेलन का उदघाटन वरिष्ठ समाजसेवी भालेन्दु सिंह ने किया।सम्मेलन के मुख्य अतिथि के रूप में पधारे राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्यय ने कहा कि इस संसार में सभी जीव ईश्वर की बनाई कृति है। उंसमे किसी तरह का भेद नही किया जाना चाहिये। दिव्यांग व्यक्ति भी इसी समाज का अंग है। उसे भी समान अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने दृष्टि संस्थान को उनके इस कार्य के लिए धन्यवाद दिया कि संस्था के माध्यम से दृष्टिबाधित युवा-युवतियां विवाह बंधन में बंध रहे है। इस अवसर पर उन्होंने शादी के लिये तय हुए 3 जोड़ो को अपना आशीर्वाद दिया। इसके अलावा उन्होंने संस्था परिसर में सोलर प्लांट स्थापित करने में भी मदद देने का आश्वासन दिया। 

परिचय सम्मेलन में रीवा जिला मध्य प्रदेश से अपने मित्र मनोज शुक्ला के साथ पूर्ण रूप से दृष्टिबाधित घनश्याम सिंह सेंगर भी जीवनसंगिनी की तलाश में चित्रकूट आए हैं । वह पेशे से राजस्व विभाग जिला रीवा में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी है । जो कि पूर्ण रूप से दृष्टिबाधित है । घनश्याम सिंह का कहना है दृष्टि संस्था के माध्यम से उन्हें आशा है कि वह भी वैवाहिक जीवन सुखमय पूर्वक अन्य के भारती जी सकते हैं। 

संस्था के संस्थापक एवं महासचिव शंकर लाल गुप्ता  ने बताया कि परिचय सम्मेलन का आयोजन की शुरूआत वर्ष 2008 से हुई थी। पिछले वर्ष 6 जोड़ों का विवाह इस संस्था के माध्यम से हुआ था।
इस वर्ष भी विवाह के लिए हमारे यहां लगभग 5 राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली आदि राज्य से 66 युवक एवं 39 युवतियां कल से संस्था में ही रह रहे है । सभी के लिए रुकने भोजन आदि की व्यवस्था संस्था द्वारा निःशुल्क की जा रही है। इस परिचय सम्मेलन में चित्रकूट की पूजा रैदास का सम्बंध रहवासी दिल्ली के मनोज(फिजीशियन) के साथ, राधा कौशाम्बी का राजेन्द्र भारती रहवासी प्रयागराज (राजेंद्र भारती पेशे से यूनियन बैंक में क्लर्क है) तथा भुइला गोंडा का सम्बंध इंद्रेश(पेशे से व्यवसाई एवं कृषक) रहवासी कांसगंज उत्तर प्रदेश के साथ हुआ। सभी के विवाह संस्था परिसर से आयोजित विवाह सम्मेलन में कराये जाएंगे इसके अलावा कुछ युवा-युवतियों के विवाह अभी तय होने है, जो घर जाकर फाइनल करेंगे।  


कार्यक्रम में मुख्य रूप से पंकज अग्रवाल, पी डी गुप्ता, लल्लू राम शुक्ला, सुधीर अग्रवाल, बलबीर सिंह, वर्षा गुप्ता, श्रद्धा मिश्रा, पूजा साहू, रमा शुक्ला, पंकज दुबे, बसंत लाल आदि उपस्थित रहे।


shubham rai tripathi
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